Gautam Budh Nagar: 6 महीने बाद आए कोरोना के सबसे अधिक मामले, आखिर कबतक पहले स्थान पर रहेगा ये जिला?
गौतमबुद्धनगर में साल के पहले दिन 61 और दूसरे दिन 117 नए मरीजों की पुष्टि हुई है. पांच दिन में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 350 के पार पहुंच गया है जबकि दिसंबर के 27 दिन यह संख्या लगभग आधी से भी कम थी. सक्रिय मरीजों के मामले में जिला शनिवार को भी प्रदेश में पहले स्थान पर बरकरार रहा.
Gautam Budh Nagar: गौतमबुद्धनगर में दिसंबर के अंतिम सप्ताह से अचानक बढ़ी कोरोना संक्रमण की रफ्तार को तीसरी लहर की दस्तक से जोड़कर देखा जा रहा है. कोरोना संक्रमण से स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ गई है. साल के पहले दिन 61 और दूसरे दिन 117 नए मरीजों की पुष्टि हुई है. पांच दिन में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 350 के पार पहुंच गया है जबकि दिसंबर के 27 दिन यह संख्या लगभग आधी से भी कम थी. सक्रिय मरीजों के मामले में जिला शनिवार को भी प्रदेश में पहले स्थान पर बरकरार रहा. सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 355 हो गई है. राज्य में कोरोना के मामलों के मद्देनजर नोएडा पहले नंबर पर बरकार है.
नोएडा में 24 घंटे में 131 मामले
स्वास्थ्य विभाग ने नोएडा में बीते 24 घंटे कोरोना के 131 मरीज नए मरीजों की पुष्टि की है जिसके बाद यहां कुल मामलों की संख्या 355 हो गई. इससे पहले अप्रैल-मई में 100 से ज्यादा मरीज आए थे. 11 जून को 75 केस दर्ज किए गए थे, जिसके बाद से यह संख्या और कम होती गई थी. अब फिर नोएडा में कोरोना की रफ्तार डराने लगी है. यहां कुल एक्टिव केस 355 हो गए हैं और नोएडा कोरोना के मामलों में प्रदेश में टॉप पर पहुंच गया है. नोएडा के बाद राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा 206 मामले हैं. गाजियाबाद में 192 केस हैं, आगरा में 29 मामले दर्ज किए गए हैं. बाकी तकरीबन सभी जिलों में अभी कोरोना के मामले दहाई में नहीं हैं. हालांकि, यह आशंका जताई जा रही है कि इन जिलों में भी केस बढ़ेंगे.
गौतमबुद्धनगर के जिला निगरानी अधिकारी सुनील दोहरे ने बताया बीते 24 घंटे में 117 कोरोना संक्रमित नये मरीज मिले हैं. जिले में 355 सक्रिय केस हैं. जिले में अबतक 63,861 लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. शुक्रवार को 7 लोग ठीक भी हुए हैं. जिले में अबतक 63,038 लोग स्वस्थ्य होकर कोरोना को मात दे चुके हैं. 355 मरीजो का अस्पतालों में और होम आइसोलेशन ईलाज जारी, जबकि 468 मरीज की अबतक मौत हो चुकी है.
98 फीसद संक्रमितों में हल्के लक्षण
सुनील दोहरे ने बताया कि राहत की बात यह है कि दो से तीन फीसदी मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी है. 98 फीसद संक्रमितों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं. इनमें कई मरीज बिना लक्षण वाले भी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण गाइडलाइंस का सख्ती से पालन नहीं किया जाना है. सक्रिय मरीजों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है, स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ गई है.
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