नोएडा: निजी अस्पतालों ने बेवजह भर्ती किए कई मरीज, स्वास्थ्य विभाग ने 200 बेड कराए खाली, होगी कार्रवाई
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को जानकारी दी कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निजी अस्पतालों में कई ऐसे लोग भी भर्ती हैं जिन्हें भर्ती किए जाने की जरूरत नहीं थीं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा निजी अस्पतालों में निरीक्षण करने के बाद करीब 200 बेड खली करवाए हैं.
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नोएडा. गौतमबुद्ध नगर जिले के कई निजी अस्पतालों में मरीजों की भर्ती मामले में गड़बड़ी सामने आई है. खबर के मुताबिक, कुछ निजी अस्पतालों में कई ऐसे लोग भी भर्ती पाए गए हैं जिन्हें भर्ती किए जाने की जरूरत नहीं थीं. जिला प्रशासन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. प्रशासन ने इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी दीपक ओहरी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जिले के कई निजी अस्पतालों का दौरा किया, जहां पर पाया गया कि निजी अस्पताल के प्रबंधकों ने बिना किसी खास वजह के मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया है जबकि उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों के ऐसे करीब 200 बेड खाली करवाए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, कई निजी अस्पताल के प्रबंधक ऑक्सीजन व दवाएं खत्म होने की कथित तौर पर अफवाह उड़ाकर लोगों में सनसनी पैदा कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने इस तरह के अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. शनिवार को कुछ अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन बैठक की, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए हैं.
अधिकारियों ने किया कई अस्पतालों का निरीक्षण
अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दीपक ओहरि व उनकी टीम के अधिकारियों द्वारा कई अस्पतालों का गहन स्थलीय निरीक्षण किया गया. इस दौरान उनकी टीम ने पाया कि विभिन्न निजी अस्पतालों में बिना आवश्यकता के मरीजों को बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि उनको अस्पताल में रहने की कोई आवश्यकता नहीं है.
वहीं, यह भी पाया गया कि कई अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन को लेकर तथ्यहीन खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से जारी की जा रही हैं. जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया है. जिलाधिकारी ने ऑनलाइन बैठक करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि उनके द्वारा जो स्थलीय निरीक्षण किया गया है, उसके संबंध में लिखित रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करें, जिसके आधार पर दोषी अस्पतालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
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