नोएडा, बलराम पांडेय: गौतमबुद्ध नगर में कोरोना जांच में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जहां एक प्राइवेट लैब्स 35 निगेटिव लोगों को कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट थमा दी. इन 35 लोगों की जान जोखिम में डालकर इन्हें कोरोना संक्रमितों के साथ रखा गया. मामला मीडिया में तूल पकड़ते ही प्राइवेट लैब्स को नोटिस भेजा गया है.



गौतम बुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी दीपक ओहरी की मानें, तो कुछ लोगों का सैंपल निजी प्रयोगशाला में लिए गए थे और लोगों को पॉजिटिव बता दिया गया था. हालांकि, जब सैंपल को पुनः सरकारी प्रयोगशाला में जांच कराया गया, तो लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई. फिलहाल सभी 35 लोगों को डिस्चार्ज कर छुट्टी दे दी गई है.



ओहरी ने बताया कि हरियाणा दिल्ली की कुछ प्राइवेट लैब हैं, जो  अन-रजिस्टर्ड है और लोगों का सैंपल कलेक्ट कर जांच कर रही हैं, जो गलत है. ऐसे ही एक युवक के बाइक से कोरोना सैंपल लेकर जाने की सूचना मिली, जिसकी जांच की गई तो पता चला कि ये एलटी रजिस्टर्ड भी नहीं था. यही वजह है कि उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. वहीं, जिन लैब को नोटिस भेजा गया है, उनमें लाइफलाइन, स्टार इमेजिंग , Accuris, मॉर्डन लैब समेत 5 लैब शामिल हैं.


इससे पहले मेरठ से भी सामने आया था ऐसा ही मामला

बता दें कि कुछ दिन पहले इसी तरह का प्रकरण मेरठ में भी सामने आया था, जिसमें गरुग्राम की लैब मॉर्डन ने 8 सैंपल की जांच की, जिसमें सभी 8 को पॉजिटिव बताया था, लेकिन जब स्वास्थ्य महकमे को शक हुआ, तो उसने सभी की सरकारी लैब में जांच कराई, तो पता चला कि इनमें से 6 लोग कोरोना संक्रमित नहीं है. जिसके बाद जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की थी.



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