Gautam Buddh Nagar News: अगर आप यूपी स्थित गौतमबुद्धनगर (Gautam Buddh Nagar) में रहते है तो ये खबर आपके काम की है, क्योंकि अब आप अपने बच्चे के स्कूल बस (School BUs) में किसी भी तरह की खामी की शिकायत सीधा परिवहन विभाग से कर सकते है. इसके लिए परिवहन विभाग ने एक नंबर भी जारी किया है. दरअसल हाल में ही गाजियाबाद (Ghaziabad) के मोदीनगर में स्कूल बस (Modi Nagar School) में एक बच्चे की मौत हो गई थी, जिसके बाद जांच में यह बात सामने आई की बस अनफिट भी थी. जिसे देखते हुए परिवहन विभाग (Transport Department) अब अलर्ट मोड पर आ गया है. गौतमबुद्धनगर में अब लोग स्कूल बसों की शिकायत परिवहन विभाग के हेल्पलाइन नंबर 01202505556 पर दे सकते है.

 

परिवहन विभाग ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

गौतमबुद्धनगर में स्कूल बसों की फिटनेस पर बात करते हुए एआरटीओ प्रशासन एके पांडेय (ARTO Ak Pandey) ने बताया कि स्कूल बसों की फिटनेस बहुत जरूरी है, क्योंकि इन्हीं बसों से बच्चे स्कूल (School Bus) आते और जाते है. इसीलिए परिवहन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. अगर अभिभावक स्कूल बस को लेकर संतुष्ट नहीं हैं तो या उन्हें बस में कोई खामी नजर आती है तो वो परिवहन विभाग को इसकी सूचना दे सकते है. उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को सुरक्षा के लिए खुद भी सामने आना चाहिए. स्कूल मैनेजमेंट को भी समय समय पर बसों का फिटनेस टेस्ट करवाते रहना चाहिए. अगर कोई बस 8 साल से चल रही है तो एक बार फिटनेस टेस्ट करवाने पर उसे 2 साल चलने की अनुमति मिल जाती है. फिर भी इन बसों का हर साल फिटनेस टेस्ट जरूर होना चाहिए.

 

इन बसों को माना जाता है फिट

परिवहन विभाग का कहना है कि एक तो बसों का समय समय पर फिटनेस टेस्ट होना चाहिए, परिवहन विभाग के मानकों के मुताबिक बसों में स्पीडो मीटर होना बहुत जरूरी है. इसके साथ बस का गेट खोलने पर बीप जैसी आवाज का आना जिससे पता लग सके की दरवाजा खुल गया है. इसके साथ हर सीट पर एक पैनिक बटन होना जरूरी है, जिससे अगर बच्चों को कोई परेशानी हो तो इसकी सूचना तुरंत ड्राइवर तक पहुंच जाए. बसों में खिड़की के ऊपर ग्रिल लगाना जरूरी है, जिससे बच्चे अपना मुंह बाहर ना निकाल सके और साथ ही बसों में सीसीटीवी भी काफी महत्वपूर्ण है.

 

अभिभावकों को भी करना चाहिए सहयोग

एआरटीओ एके पांडेय ने बताया गौतमबुद्धनगर में 5 प्रवर्तन की टीम हमेशा ग्राउंड जीरो पर रह कर बसों की फिटनेस टेस्ट करती रहती हैं. जिले में कुल 1400 बस चल रही हैं, ऐसे में बहुत जरूरी है कि स्कूल जाने वाली बसों को लेकर अभिभावक भी एक्टिव रहें. जैसे अगर उन्हें खुद भी बस में किसी खामी पर संशय है तो वो तुरंत इसकी सूचना परिवहन विभाग को दें, बच्चों की सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग के साथ स्कूल प्रबंधन और पैरेंट्स को भी सामने आना चाहिए.