प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। अखिलेश यादव सरकार में खनन मंत्री मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति ने खुद को कोरोना होने की आशंका जताई है। उन्होंने आशंका जताते हुए खुद को जमानत पर रिहा किये जाने की अपील भी की है। हालांकि, उनका दांव काम नहीं आया और अदालत ने उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि गायत्री के खिलाफ चल रहे मुकदमे गंभीर मामलों के हैं, इसलिए उन्हें जमानत पर जेल से रिहा नहीं किया जा सकता। अदालत ने लखनऊ के किंग जार्ज हॉस्पिटल के सुप्रीटेंडेंट को निर्देश दिया है कि वह इस तरह के कदम उठाएं जिससे इसी अस्पताल में न्यायिक हिरासत में अपना इलाज करा रहे गायत्री प्रजापति को कोरोना से प्रभावित मरीजों का संक्रमण न होने पाए।


गायत्री प्रसाद प्रजापति इन दिनों न्यायिक हिरासत में लखनऊ के किंग जार्ज हॉस्पिटल में भर्ती हैं। हॉस्पिटल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में उनका इलाज चल रहा है। इसी डिपार्टमेंट के पास ही कोरोना के मरीजों का भी वॉर्ड है। गायत्री प्रजापति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर यह आशंका जताई थी कि हॉस्पिटल में इलाज करा रहे कोरोना के मरीजों से उन्हें भी संक्रमण हो सकता है। उन्होंने इसी आधार पर खुद को कुछ दिनों के लिए जमानत पर रिहा किये जाने की अपील की थी।



मामले की सुनवाई जस्टिस अजीत सिंह की बेंच में हुई। अदालत ने उन्हें जमानत देने से मना कर दिया। हालांकि अदालत ने अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट को जरूरी कदम उठाने के निर्देश जरूर दिए हैं। अदालत ने अस्पताल से यह भी बताने को कहा है कि गायत्री की बीमारी का इलाज उनके यहां हो सकता है या नहीं।