Gang Rape Case Verdict: गैंग रेप मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री के खिलाफ आज आ सकता है फैसला, जानिए कौन हैं गायत्री प्रजापति?
Gang Rape Case Verdict: इस मामले में मामला दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक को दखल देना पड़ा था. तब जाकर लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज किया. कौन हैं गायत्री प्रजापति?
लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत (MP MLA Court ) ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prajapati) के खिलाफ सामूहिक बलात्कार मामले की सुनवाई पूरी कर ली है. इस मामले में प्रजापति समेत कुल सात अभियुक्त हैं. लखनऊ की इस विशेष अदालत के जज पवन कुमार राय ने फैसला सुनाने के लिए 10 नवंबर की तारीख तय की है. प्रजापति अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला. चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और उसके साथियों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था. इस महिला ने आरोपियों पर उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था.
मामला कैसे पहुंचा सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य 6 आरोपियों के खिलाफ 18 फरवरी, 2017 को मुकदमा दर्ज किया गया था. इन सभी के खिलाफ सामूहिक बलात्कार, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह, चंद्रपाल, रूपेश्वर, आशीष शुक्ल और अशोक तिवारी आरोपी बनाए गए हैं. इस मामले में केस दर्ज कराने के लिए महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत के समक्ष इस मामले में कुल 17 अभियोजन गवाह पेश किए जा चुके हैं.
पीड़ित महिला ने आरोपियों के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की. इस पर गायत्री प्रजापति और उसके साथियों ने महिला के पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी. महिला ने मंत्री और उनके गुर्गों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आरोपियों के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर दर्ज करने के बाद लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
कौन हैं गायत्री प्रसाद प्रजापति?
गायत्री प्रजापति ने 1995 के आसपास समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए थे. उन्होंने 1996 और 2002 का विधानसभा चुनाव अमेठी विधानसभा से लड़ा था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रजापति को अमेठी सीट से जीत मिली. फरवरी 2013 में उन्हें सिंचाई राज्यमंत्री बनाए गए थे. इसके बाद जुलाई 2013 में मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ तो उन्हें स्वतंत्र प्रभार दे दिया गया. इसके बाद जनवरी 2014 में उन्हें खनन विभाग का कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. गायत्री प्रजापति ने 2017 का चुनाव अमेठी से सपा की टिकट लड़ा. लेकिन बीजेपी की गरिमा सिंह ने उन्हें हरा दिया.
पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें बढ़ीं, रेप के आरोप के बाद दर्ज हुई दूसरी FIR