Kanpur News: गंगा में फैलने वाली गंदगी सरकार के चुनौती और विपक्ष के लिए सियासी मुद्दा बना हुआ है. ज़माने से गंगा की सफाई के लिए कई अहम फेस और कदम उठाए गए. लेकिन नतीजा उल्टा ही रहा लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने गंगा सफाई की जिम्मेदारी जर्मनी देश को सौंप दी है और अब जर्मनी अपनी तकनीक से गंगा को प्रदूषण से बचाएगा.

गंगा नदी सफाई को लेकर सरकार सजग है, जिसके चलते सरकार ने गंगा नदी की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए जर्मनी से हाथ मिलाकर गंगा की सफाई पर करार किया है. जिसके तहत जर्मनी से इंडो जर्मन प्रोजेक्ट के प्रमुख और उनकी टीम ने कानपुर पहुंचकर भारत के मटेरियल रिकवरी प्लांट को देखा और उसकी कमियों और खामियों पर नजर डाली.

वहीं जर्मनी से आई इंडो जर्मन प्रोजेक्ट की टीम ने कानपुर की महापौर और नगर आयुक्त से मुलाकात की. जर्मनी से आए टीम के मुखिया क्रिस्टीन ने मुलाकात कर इस प्रोजेक्ट पर अपनी राय रखी और जल्द ही प्रोजेक्ट को शुरू करने की बात भी कही है. वहीं महापौर ने सिविल वर्क को 50 प्रतिशत पूरा होने की बात भी कही है, और बाकी का काम आने वाले दो माह में होने का ज़िक्र किया. जिसके बाद जर्मनी की टीम विशेष मशीनरी के साथ एमआरएफ प्लान को कानपुर में लगाया जाएगा.

क्या बोले नगर स्वास्थ्य अधिकारी
इस प्रोजेक्ट को लेकर आई टीम से स्थलीय निरीक्षण के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अमित ने बताया की काम पूरा होने की हरी झंडी मिलते ही जर्मनी की टीम को जानकारी दी जाएगी. जिसके बाद वहां से विशेष मशीनों को भेजा जाएगा, और वहां की टीम यहां आकर इसे स्थापित करेगी. जिसके बाद शहर के तीन हिस्सों में मलबा, गीला कचड़ा, प्लास्टिक और मेटल को अगल अलग किया जायेगा, साथ ही जर्मनी के एमआरएफ प्लांट यानी मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट के जरिए ऑटोमेटिक पानी से कचरा अलग हो जाएगा और गंगा में नहीं पहुंचे.


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