Gonda Flood: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के दो तहसील क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गोंडा में घाघरा और सरयू नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. तहसील तरबगंज के नवाबगंज के माझा इलाकों में 1 दर्जन से अधिक गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. लोग आने जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं. जलमग्न सड़कों पर अब नाव दौड़ रही हैं, जिले में बाढ़ से अब तक छह हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है.
वहीं कर्नलगंज तहसील में अभी तक बाढ की स्थिति नहीं है. बांध पर कटान को देखते हुए लगातार अधिकारी बांध की निगरानी कर रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि अभी तक प्रशासन द्वारा कोई भी सहायता नहीं दी गई है लेकिन जिला प्रशासन का दावा है कि लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. जल शक्ति मंत्री ने कल्प गोंडा के बाद क्षेत्रों का हवाई दौरा करने के बाद मीडिया से बात करते हुए गोंडा में बाढ़ क्षेत्र कॉल बेल कहा था.
तरबगंज तहसील क्षेत्र के नवाबगंज के माझा इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. तरबगंज तहसील में सरयू नदी में कटान के चलते अब तक आधा दर्जन से अधिक घर नदी में समाहित हो चुके हैं. सैकड़ों एकड़ फसल प्रभावित हो चुकी है और अब जल स्तर अधिक होने के चलते 1 दर्जन से अधिक गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. लोग जैसे-तैसे घर से निकलने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं तो कोई बिना नाव के सहारे के पानी में आने जाने को मजबूर हैं. जान जोखिम में डालकर लोग पानी में निकलने को मजबूर है, ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार कटान होने के बाद अब बाढ़ भी आ गई है. कई घर पानी में बह गए हैं, जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी हाल पूछने नहीं आया है और कोई सहायता नहीं पहुंचाई गई है.
वहीं अपर जिला अधिकारी राकेश सिंह ने बताया है गोंडा में बाढ़ से दो तहसील प्रभावित होती हैं और इस समय विगत कई दिनों से घाघरा और सरयू नदी अपने उतार-चढ़ाव पर हैं. तरबगंज तहसील क्षेत्र के ऐली परसोली के साथ नवाबगंज के माझा इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. सभी को जरूरी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और संबंधित अधिकारियों को एक्टिव कर दिया गया है.
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