बाराबंकी: पहाड़ों पर हो रही बरसात के चलते घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से तराई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सरयू नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. एल्गिन ब्रिज पर बने कंट्रोल रूम के अनुसार मौजूदा समय सरयू नदी खतरे के निशान से 58 सेमी ऊपर बह रही है. नदी का जलस्तर एक सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. हालात ये हैं कि 18 और गावों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सैकड़ों बीघा फसलें डूब गई हैं. बाढ़ से पीड़ित लोगों का कहना है कि सड़क मार्ग कट जाने से आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं. केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी पवन ने बताया कि सरयू नदी पूरे उफान पर है जिसकी वजह से तराई क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.


सरयू के साथ-साथ घाघरा नदी ने रौद्र रूप धारण कर रखा है. रामनगर, सिरौली गौसपुर तहसील के कई गावों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. लोग पक्के मकानों को तोड़कर उसकी ईंट बचाने की कोशिशों में जुटे हैं. सैकड़ों बीघा धान, गन्ने और अन्य फसलों को नुकसान हुआ है. सिरौली गौसपुर तहसील के दो दर्जन से अधिक गांव पानी से घिरे हैं. रामनगर तहसील में घाघरा नदी पर बने संजय पुल के पास स्थित केंद्रीय जल आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अधिकारियों को लगातार बढ़ रहे जल स्तर की सूचना भेजी जा रही है. घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से बहराइच जिले में महसी तहसील के कई गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है.


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