Ghaziabad News: गाजियाबाद (Ghaziabad) में संकरी गलियों में कूड़ा उठाने वाले ज्यादातर ई-रिक्शा खराब अवस्था में जोनल ऑफिस में खड़े हैं और कूड़े में तब्दील हो चुके है. नगर निगम ने दो साल पहले 150 ई रिक्शा खरीदे थे. निगम ने इसलिए यह ई रिक्शा खरीदे थे, ताकि संकरी गलियों से कूड़ा उठ सके, लेकिन ज्यादातर ई रिक्शा गैराज में खड़े है, जिन्हे कूड़ा उठाना है वो खुद कूढ़े के ढेर की तरह खड़े हैं. जिसके बाद नगर निगम ने मेंटेनेस को कसूरवार ठहराया है.


इस मामले को लेकर गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त नितिन गौर ने कहा कि जब ई रिक्शा खरीदे गए तो उनका मेटेंनेस ठीक नहीं कराया गया था. किसी ई रिक्शे में बैटरी नहीं है तो किसी की चार्जिंग व्यवस्था नहीं है. नगर आयुक्त नितिन गौर ने बताया कि इस मामले में हमने एफआईआर भी दर्ज कराई है.


नगर आयुक्त ने कहा कि कोई भी फाइल अगर मैं देखता हूं तो एक हजार के काम की फाइल में 20 हजार का खर्चा दिखाया जाता है, जिसकी हमने जांच भी बैठा दी है. फिलहाल तीन से चार दिन के अंदर ई-रिक्शा अधिकतर कार्य करते हुए दिखाई देंगे.  
जिससे कूड़ा की कोई समस्या ना आए!


नगर निगम ने मेंटेनेंस पर उठाए सवाल
गाजियाबाद के नगर निगम के पार्षद हिमांशु मित्तल ने कहा कि जितने भीं नगर निगम में ई-रिक्शा खरीदे गए हैं उनकी गुणवत्ता सही नही है. रिक्शे तो खरीद लिए गए हैं, लेकिन उनको चलाने के लिए बैटरी के साथ चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था भी चाहिए होती है. गाजियाबाद नगर निगम ने बेहतर सफाई व्यवस्था बनाने के लिए संकरी गलियों में से कूड़ा उठाने के लिए ई-रिक्शा काफी संख्या में खरीदे, लेकिन वह कबाड़ बनकर खड़े हुए हैं. किसी में बैटरी नहीं है तो किसी में चार्जिंग व्यवस्था नहीं है. बड़ा सवाल यह है कि ई रिक्शा के मेंटेनेंस पर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता है.


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