Ghaziabad News: गाजियाबाद में गरमाया 597 बीघा शत्रु संपत्ति का मुद्दा, तहसील में ही तंबू लगाकर बैठे प्रदर्शनकारी
Enemy Property Issue: गाजियाबाद के मोदीनगर में 597 बीघा शत्रु संपत्ति का मुद्दा स्थानीय प्रशासन के लिए गले की फांस बना हुआ है. स्थानीय लोगों ने तहसील ऑफिस में अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया है.
Enemy Property Issue: गाजियाबाद के मोदीनगर (Modinagar) में 597 बीघा शत्रु संपत्ति का मुद्दा स्थानीय प्रशासन के लिए गले की फांस बना हुआ है. इस जमीन पर ज्यादातर आवासीय कॉलोनी बनी हुई है. इस संपत्ति को जैसे ही शत्रु संपत्ति घोषित (Enemy Property) किया गया वैसे ही हंगामा खड़ा हो गया. इस समस्या का समाधान न निकल पाने की वजह से लोगों ने मोदीनगर तहसील में ही तंबू लगा लिए हैं. लोगों का आरोप है कि अगर इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो वो आंदोलन करेंगे. वहीं एसडीएम ने भी परिसर खाली करने की चेतावनी दी है.
लोगों ने तहसील दफ्तर में किया हंगामा
गाजियाबाद के मोदी नगर में शत्रु संपत्ति के मामले में कोई समाधान अब तक नहीं निकल पा रहा हैं जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया. स्थानीय लोग अपने विधायक और पंचायत सदस्य के साथ तहसील पहुंच गए. शत्रु संपत्ति प्रकरण मामले में लगभग 20,000 लोगों के आशियानों पर तलवार लटक गई है. शत्रु संपत्ति घोषित होने के बाद अब न उस जमीन को ना बेच सकते है, ना खरीद सकते है. ये जमीन अब सरकार की संपत्ति हो गई है. ऐसे में लोगों में इसे लेकर खासी नाराजगी देखने को मिल रही है.
हजारों लोगों के आशियाने पर खतरा
मोदी नगर में घोषित हुए शत्रु संपत्ति पर ज्यादातर आवासीय कॉलोनी बनी हुई है. इस मामले पर सीकरी खुर्द के गांव के लोगों का कहना है कि आजादी की जंग में इस गांव ने भी कुर्बानी दी है. जिसके बाद इस मामले को लेकर एसडीएम शुभांगी शुक्ला ने ग्रामीणों को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने इसके खिलाफ तहसील में ही धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.
एसडीएम ने धरना खत्म करने की चेतावनी दी
उपजिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला ने पांच लोगों को बुला कर धरना प्रदर्शन न करने की बात कही, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं है. जिसके बाद वो तहसील में ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. वहीं दूसरी तरफ एसडीएम ने जल्द से जल्द परिसर खाली करने की चेतावनी दी है नहीं तो सभी पर कानूनी कार्रवाई की बात कही है. इस मामले में उच्चस्तरीय अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है. कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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