UP ByElection 2024: उत्तर प्रदेश में कुल 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. इन 9 सीटों में गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट भी शामिल है. इस सीट पर अब 20 नवंबर को वोटिंग होगी. इसके लिए पोलिंग पार्टियां रवाना हो गई हैं. खास बात यह है कि इस सीट पर कोई VVIP वोटर नहीं है. इस बार गाजियाबाद उपचुनाव में कुल 14 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट पर विधायक रहे अतुल गर्ग के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई थी, जिसपर 20 नवंबर को चुनाव होना है. यह सीट बीजेपी के गढ़ के रूप में मानी जाती है. हालांकि बीजेपी इस सीट पर 2003, 2004 के उप चुनाव में और 2012 में जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. ठीक 20 साल पहले भी इसी सीट पर उपचुनाव हुआ था जिसमें सपा के प्रत्याशी के तौर पर उपचुनाव में सुरेंद्र कुमार मुन्नी ने जीत दर्ज की थी.
क्या हैं समीकरण
उस सीट से सुरेंद्र प्रकाश गोयल के सांसद बन जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी. इसके अलावा 2012 में बीएसपी के सुरेश बंसल ने गाजियाबाद की सदस्य सीट पर जीत दर्ज की थी. यह सीट भाजपा के पास रही है 2017 और 2022 में भी अतुल गर्ग ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. गाजियाबाद विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण बेहद दिलचस्प है.
गाजियाबाद सीट पर तमाम दल अपना जातीय समीकरण साधने का प्रयास कर रहे हैं. भाजपा ब्राह्मण चेहरे के सहारे जीत की आस में है. वहीं, अखिलेश यादव ने सामान्य सीट पर पीडीए समीकरण के तहत दलित उम्मीदवार पर दांव लगाया है. बसपा वैश्य वोटरों को साधने की कोशिश में है. इस सीट दलित वोटर्स 80 हजार, ब्राह्मण वोटर्स 55 हजार, ओबीसी वोटर्स 45 हजार, वैश्य वोटर्स 35 हजार, मुस्लिम वोटर्स 50 से 55 हजार और ठाकुर (क्षत्रिय) वोटर्स 25 हजार हैं.
इस सीट पर कुल वोटर 4,61,360 हैं, जिसमें पुरुष वोटर 2,54,017 और महिला 2,07,314 हैं, जबकि अन्य 29 वोटर हैं. इसमें पहली बार 5449 वोटर वोट डालेंगे. वहीं 85 साल से ज्यादा उम्र के 134 वोटर्स अपने वोट का उपयोग करेंगे. इनके लिए कुल 119 मतदान केंद्र और 506 मतदान स्थल बनाए गए हैं, जिसमें से 106 क्रिटिकल है. वहीं चुनाव के लिए 04 जोनल मजिस्ट्रेट और 22 सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती है.
(गाजियाबाद से विपिन शर्मा की रिपोर्ट)