Circle Rate in Ghaziabad: गाजियाबाद में घर खरीदना हुआ महंगा, वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार में बढ़े सर्किल रेट, जानें- डिटेल्स
Ghaziabad Circle Rate: गाजियाबाद में अब घर का सपना और भी महंगा हो गया है. आवास विकास परिषद ने यहां के वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार में सर्किल रेट में बढ़ोतरी कर दी है.
Ghaziabad Circle Rate Increased: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अब घर खरीदना और भी मुश्किल हो गया है. अपने घर का सपना अब पहले से भी ज्यादा महंगा हो गया है, इसके लिए अब आपको अपनी जेब और ढीली करना होगी. इसकी वजह ये हैं कि गाजियाबाद आवास विकास परिषद ने वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार योजना के सर्किल रेट में एक हजार से दो हजार रुपये प्रति वर्गमीटर की बढ़ोतरी की गई है. जिसकी वजह से इन इलाकों में घर खरीदने के लिए आपको और ज्यादा कीमतें चुकानी होंगी.
आवास विकास परिषद ने गाजियाबाद के वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार योजना के सर्किल रेट में बढ़ोतरी की है. इसके तहत वसुधंरा के सम और विषम सेक्टरों में 2 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से सर्किल रेट बढ़ाया गया है, जो बढ़कर 61 हजार और 68 हजार रुपये वर्गमीटर तक हो गए हैं. वहीं सिद्धार्थ विहार में एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से सर्किल रेट बढ़े हैं. आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राकेश चंद्रा ने बताया कि बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल से लागू की गई है.
जानें- गाजियाबाद में नए सर्किल रेट
नए सर्किल रेट के मुताबिक वसुंधरा के सम सेक्टरों की बात करें तो यहां पर पहले 66,300 प्रति वर्ग मीटर सर्किल रेट था जो अब बढ़कर 68,300 किया गया है. वहीं विषम सेक्टरों की बात करें तो ये सर्किल रेट 59,900 से दो हजार रुपये बढ़ाकर अब 61,900 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है. सिद्धार्थ विहार योजना में पहले का सर्किल रेट 57,970 रुपये प्रति वर्गमीटर था, जो अब बढ़कर 58,820 रुपये प्रति वर्गमीटर हो गया है. हालांकि बहुमंजिला भवनों पर किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई है.
पीएम आवास योजना की समीक्षा बैठक
इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के चल रहे प्रोजेक्ट को लेकर भी आवास विकास परिषद गंभीर है. इस प्रोजेक्ट की अब हर हफ्ते एक समीक्षा बैठक की जाएगी, ताकि समय सीमा के भीतर ही इन योजनाओं को पूरा किया जा सके. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में पीएम आवास योजना के करीब पांच प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इन सभी प्रोजेक्ट्स को लेकर हर हफ्ते समीक्षा बैठक की जाएगी. सबसे पहले ये प्रोजेक्ट मधुबन, बापूधाम में शुरू किए गए थे, जिसके बाद डासना, नूरनगर, निवाड़ी समेत कई और जगहों पर भी इनका काम किया जा रहा है.
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