गाजियाबाद: कोरोना आपदा के इस दौर में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल कायम करने वाले कई मामले सामने आए हैं. गाजियाबाद में इंसानियत और मानवता का परिचय देते हुए महिला का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से कराया गया. मुस्लिम समाज के लोगों ने हिंदू महिला की अर्थी उठाई और शव यात्रा में हिंदू रिवाज के अनुसार 'राम नाम सत्य है' भी कहा. महामारी और संकट भरे समय में समाज के बीच दूरियां कम होती नजर आ रही हैं और लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं.
हिंदू महिला का अंतिम संस्कार कराया
मामला गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके का है जहां मुस्लिम धर्म के लोगों ने एक हिंदू महिला का अंतिम संस्कार कराया. मोदीनगर के बेगमाबाद गांव में रहने वाले अशोक कुमार कंसल गांव में किराना की दुकान करते हैं. उनकी पत्नी ममता कंसल पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित थीं. अशोक ने अपने रिश्तेदारों को मौत की सूचना दी मगर कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से रिश्तेदार उनके घर तक भी नहीं पहुंच पाए.
अंतिम सफर के लिए जरूरी सामान जमा किया
अशोक कंसल की दुकान मुस्लिम इलाके में है और उनसे सामान लेने वाले ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग हैं. जब उन्हें ममता की मौत का पता चला तो आसपास से मुस्लिम समाज के लोग जमा हो गए. वहां पर जब उन्होंने देखा कि अशोक कंसल भी बीमार और कमजोर हैं तो मुस्लिम समाज के लोगों ने ममता के अंतिम सफर के लिए जरूरी सामान जमा किया.
अंतिम संस्कार किया गया
मुस्लिम समाज के लोगों ने अर्थी में अशोक कंसल का हाथ लगवाने के बाद ममता को अपने कंधों पर उठाया और राम नाम सत्य है बोलते हुए अर्थी को शमशान घाट ले गए. वहां हिंदू रीति रिवाज से ममता का अंतिम संस्कार किया गया.
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