गाजियाबाद: पुलिस ने एक सरकारी अध्यापक की हत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. अध्यापक का शव मुरादनगर के जंगल में स्थित एक कुंए में 25 अगस्त को पाया गया था. अध्यापक की पहचान आदेश त्यागी के रूप में हुई थी. वह मूल रूप से बागपत के रहने वाले थे. नौकरी की वजह से वो मुरादनगर में किराए पर कमरा लेकर अकेले ही रहते थे. वह एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में अध्यापक थे. पुलिस के मुताबिक आदेश ने टूर का आधा खर्च उठाने से इनकार कर दिया था. इसको लेकर हुए विवाद में आरोपियों ने उनकी हत्या कर दी थी.


शव के बारे में कैसे पता चला


गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ईराज राजा ने अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया कि एक व्यक्ति ने 25 अगस्त को पुलिस से शिकायत की कि जंगली इलाके के एक कुंए से दुर्गंध आ रही है. एक पुलिस टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर कुंए से एक शव बरामद किया था. शव की शिनाख्त आदेश त्यागी के रूप में हुई थी. वो प्राइमरी स्कूल के अध्यापक थे. उनके परिवार ने हमें बताया कि आदेश उनसे 15-20 दिन में एक बार संपर्क करते थे. इसलिए उनकी हत्या के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं हो पाई. 


पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि मौत डूबने की वजह से हुई है.इससे पुलिस को लगा कि मामला आत्महत्या का है, लेकिन उनके कॉल रिकॉर्ड की जांच की गई तो पता चला कि फोन के स्वीचऑफ होने से पहले आदेश ने अपने चार दोस्तों सौरभ सिंह, नवरतन सिंह, मोनू कुमार और गौरव कुमार से कम से कम 10 बार बातचीत की है.


हत्या के बाद फरार हो गए थे आरोपी


राजा ने बताया कि घटना के बाद से ही ये चारो लोग फरार थे. शुक्रवार सुबह इनमें से तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ में इन लोगों ने अध्यापक की हत्या की बात कबूल कर ली.


पुलिस अधिकारी ने बताया कि 13 अगस्त को आदेश शराब पार्टी करने सौरभ के घर गए थे. वहां उनके दोस्तों ने राजस्थान के बागर घूमने जाने का प्लान बनाया. आदेश के दोस्तों का कहना था कि इस यात्रा पर आने वाले खर्च का आधा हिस्सा वो उठाएं. लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. इसके बाद विवाद हो गया, जो मारपीट में बदल गया. इस दौरान मोनू, नवरतन और गौरव ने आदेश को पकड़ लिया और सौरभ ने एक डंडे से आदेश के सिर पर मारा. इससे वो बेहोश हो गए. इससे आरोपियों को लगा कि आदेश की मौत हो गई है. इसके बाद उन्होंने आदेश को ले जाकर जंगल के एक कुंए में फेंक दिया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोनू अभी भी फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम बनाई गई है.


दोस्त की हत्या कर चले गए थे घूमने


मुरादनगर के थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि आदेश को कुंए में फेंकने के बाद चारों आरोपी एक टैक्सी से बागर चले गए थे.वहां से वो 22 अगस्त को गाजियाबाद लौटे थे.राजा ने बताया कि आरोपियों को लगा कि किसी को इस हत्या के बारे में पता नहीं है.लेकिन 25 अगस्त को जब पुलिस ने आदेश का शव बरामद किया तो वो एक बार फिर फरार हो गए.पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है.


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