Ghaziabad Latest News: गाजियाबाद में कलेक्शन एजेंट के साथ लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. एसपी सिटी सेकंड जैनेंद्र कुमार सिंह ने इस पूरी घटना का खुलासा करते हुए अहम जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पीड़ित ने ही लूट की झूठी कहानी रची थी. सुनील कुमार मनी ट्रांसफर का काम करता है. प्रतिदिन मोबाइल की दुकानों से पैसा कलेक्ट कर कमलेश कम्युनिकेशन, सब्जी मंडी के पास साहिबाबाद में जमा करता है. कंपनी सुनील कुमार को एक लाख में 200 रुपए कमीशन देती है.
500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये
लूट के बाद पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया लेकिन सुनील कुमार पुलिस को सही तरीके से बताने में असमर्थ नजर आ रहा था. सुनील कुमार ने बताया कि वैशाली मेट्रो स्टेशन के सामने बाइक पर दो बदमाश हेलमेट पहने आए और स्कूटी में लात मारकर गिरा दिया और बैग छीन कर फरार हो गए. पुलिस ने इस मामले में जांच की. 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज देखे और सर्विलांस के माध्यम से पुलिस ने इस घटना का खुलासा कर दिया.
कलेक्शन एजेंट सुनील की बातों पर पुलिस को संदेह नजर आ रहा था. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की और सभी साक्ष्य जुटाए तो पता चला कि सुनील ने लूट की फर्जी सूचना दी थी.
सुनील पर था पांच लाख रुपये का कर्ज
बताया जा रहा है कि सुनील पर उसके जीजा का 5 लाख का कर्ज था. कर्जा चुकाने को लेकर अभियुक्त सुनील ने यह सारा षड्यंत्र रचा. कलेक्शन का सारा पैसा अपने दोस्त के यहां पर रखवा दिया. इस मामले में अभियुक्त सुनील ने अपने दोस्त को भी गुमराह किया और कहा कि यह पैसा मैं कल आपके पास से आकर ले जाऊंगा.
इस मामले में सुनील के दोस्तों की कोई भूमिका नहीं है. अभियुक्त ने दोस्तों को भी गुमराह किया. पैसे की रिकवरी भी हो गई है. इस मामले में जो रकम लूटी हुई बताई गई थी उसके बरामदगी की जा चुकी है. पुलिस ने इस मामले में सुनील को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है.
पीड़ित ने रची थी फर्जी लूट की कहानी
ज्ञानेंद्र कुमार सिंह एसपी सिटी सेकंड ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा अपराध और अपराधियों के विरुद्ध चलाए गए अभियान के तहत 27 अप्रैल 2022 को लिंक रोड थाना क्षेत्र के अंतर्गत कलेक्शन एजेंट से सात लाख 80 हजार रुपए लूट की घटना का सफल खुलासा पुलिस टीम ने किया है.
कलेक्शन एजेंट सुनील जिसने मामला दर्ज कराया था कि उसके साथ सात लाख 80 हजार रुपए की लूट हुई है. पुलिस ने 500 सीसीटीवी फुटेज देखे, सैकड़ों नंबरों के सर्विलांस और सीडीआर निकाले गए.
फिर ये बात निकल कर आई कि किसी अपराधी द्वारा नहीं बल्कि सुनील द्वारा स्वयं ही षड़यंत्र के तहत ये पैसा अपने मित्रों को दे दिया गया, जब पुलिस ने सुनील से पूछताछ करनी शुरू की तो सुनील ने इस बात को कबूल किया उसके ऊपर उसके जीजा का पांच लाख रुपए ऋण था जिसको न देना पड़े. इस नीयत से इसने पूरी घटना का षड़यत्र रचा हुआ था.
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