Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद में अजीबोगरीब वारदात, चोरी का माल पहले बरामद फिर करायी गई एफआईआर
Ghaziabad News: क्या आपने कभी सोचा है कि चोरी का माल पहले बरामद और फिर रिपोर्ट दर्ज करायी जाए. गाजियाबाद से एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है.
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Ghaziabad Theft Case: गाजियाबाद पुलिस ने ऐसी घटना का खुलासा किया है जिसमें चोरी का माल पहले बरामद हुआ और फिर 10 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई. दिलचस्प बात यह भी है कि इस घटना में महज 22 लाख रुपए की चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. हालांकि चोरी करीब 2 करोड़ 80 लाख रुपए की थी. यह अजीबोगरीब मामला क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके का है. पुलिस ने इस वारदात का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वारदात में शामिल दो आरोपी अभी भी फरार है. इस मामले में पुलिस ने अब तक करीब एक करोड़ 10 लाख रुपए बरामद कर लिए हैं जबकि अभी 80 लाख रुपए और बरामद होने की उम्मीद है. क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना इलाके में 9 फरवरी को एक दुकान से पुलिस को करीब 13 लाख रुपए लावारिस हालत में बैग में पड़े मिले थे. पुलिस ने लिखा पढ़ी करके उस रकम को अपने कब्जे में लिया . यह रुपए किसके हैं पुलिस अभी इसकी जांच कर ही रही थी कि 18 फरवरी को क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में ही विकास जैन नाम के कारोबारी ने मुकदमा लिखाया. विकास जैन वही शख्स हैं जिनकी दुकान से 12 लाख 90 हजार रुपए बरामद हुए थे।
क्या है मामला
पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि चोरी में जो लोग शामिल थे वो विकास जैन को पहले से जानते थे. पुलिस ने इस मामले में अतुल पांडे,अरुण कुमार और नितिन को गिरफ्तार किया है . जबकि बंटी और सुनील अभियुक्त फरार हैं. पुलिस के मुताबिक जो कहानी निकल कर आई वो कुछ इस तरह है कि अतुल पांडे विकास जैन का कुक और उनका विश्वास पात्र भी था. घर और दुकान की तिजोरी की चाबियां अतुल पांडे की जानकारी में भी होती थी. विकास जैन के घर में कितना कैश आ रहा है और कितना जा रहा है यह भी उसकी जानकारी में होता था. लेकिन अतुल पांडे ती नीयत खराब हो गई. उसने अपने दामाद बंटी और सुनील के साथ मिलकर चोरी का प्लान बनाया जिसमें अरुण और नितिन को भी शामिल किया.
दो आरोपी अब भी फरार
प्लान के मुताबिक अतुल पांडे ने ऑफिस की चाबियां बंटी को मुहैया कराई और फिर बाकी चारों लोगों ने सिर पर हेलमेट लगा विकास जैन के ऑफिस में घुसे और रूपयों से भरा बैग और गहने चुरा लिए. इसी आपाधापी में रूपयों से भरा एक बैग छूट गया जिसमें 12 लाख 90 हज़ार रुपए थे। यह वही बैग था जो लावारिस हालत में 9 तारीख को पुलिस को मिला था.सीसीटीवी में भी आरोपियों को रुपए से भरे बैग ले जाते हुए कैद भी हुआ. लेकिन विकास जैन ने मुकदमा लिखवाने में 11दिन क्यों लगाया इस सवाल का जवाब पुलिस के पास नहीं है. न ही पुलिस के पास इस सवाल का जवाब है कि चोरी गई रकम को कम कर क्यों लिखवाया गया था क्योंकि कैश और ज्वेलरी मिलकर चोरी 3 करोड रुपए से भी ज्यादा कीमत की थी. अभी तक 2 करोड़ 10 हजार रुपए बरामद भी हो चुके हैं. पुलिस की जांच से यह भी साफ हो चुका है कि बंटी और सुनील के पास करीब 80 लाख रुपए हैं. इन दोनों को गिरफ्तार कर पुलिस इस बरामदगी की कोशिश में लगी हुई है.
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