Cyber Crime: देश में साइबर क्राइम हर दिन बढ़ता जा रहा है. इसी को देखते हुए यूपी पुलिस लगातार ऐसे क्राइम करने वाले अपराधियों पर शिकंजा कस रही है. पुलिस द्वारा साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह का लगातार खुलासा किया जा रहा है. ताजा मामला सामने आया है गाजियाबाद से. जहां साइबर सीओ अभय कुमार मिश्र ने ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह लोगों को बल्क मैसेज के द्वारा पैसा कमाने का लालच देकर गेम ऐप (http;// Ixbet.com) डाउनलोड कराता था. फिर उनसे फर्जी बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करा लिया जाता था. इसके लिए आरोपी फर्जी नंबर से बैंकों में खाते खुलवाते थे.
पैसे लेकर खाता कर लेते थे ब्लाक
इतना ही नहीं ये लोग फर्जी उद्योग धंधे दिखाकर अलग-अलग बैंकों में करंट अकाउंट खुलवा लेते थे और उसमें पैसे जमा कर लेते थे. इन पैसों को गिरोह का सदस्य रंजीत 05 प्रतिशत सब में बांट देता था. रंजीत ऑनलाइन ऐप का आईडी पासवर्ड पीड़ित को व्हाट्सएप मैसेज द्वारा भेजा जाता था और एप पर ही पीड़ित कोई वॉलेट अकाउंट मिल जाता है. जिसमें पीड़ित अपने बैंक खाते से पैसे का लेनदेन कर सकता है. लेकिन जैसे ही पीड़ित पैसे के लालच में आकर 50 हजार या उससे अधिक राशि गेम में लगाता है तो फिर उस खाते को ब्लॉक कर दिया जाता है और पीड़ित व्यक्ति ठगी का शिकार हो जाता है. इस गैंग ने अब तक लगभग 10 हजार लोगों के साथ 50 करोड़ रुपए की ठगी की है.
पुलिस ने बरामद की ये चीजें
फिलहाल पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन सभी के बैंक खाते सीज कर दिए हैं और अन्य बैंक खातों की भी जांच की जा रही है. पुलिस ने इन अपराधियों के पास से चार लाख कैश, सो एटीएम कार्ड 37 मोबाइल 5 लैपटॉप 7 फर्जी सिम कार्ड, एक कार, एक स्कूटी, दो पासबुक, 8 चेक बुक, एक जिओ वाईफाई डिवाइस, फर्जी मोहर, एक पैन कार्ड और एक आधार कार्ड बरामद किए हैं.
ऐसे करते थे लोगों से फ्रॉड
साइबर सेल और इंदिरापुरम की पुलिस टीम द्वारा एक दबिश डाली गई थी. जिसमें एक गैंग के आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जो एक गेमिंग ऐप के नाम लोगों से ठगी करते थे. ये लोग वेब पेज के माध्यम से सबको ब्लक मैसेज भेज थे, फिर उनसे रजिस्ट्रेशन करवा कर उनके पैसे डबल करने के नाम पर अपने अकाउंट में पैसे डलवा कर उनसे फ्रॉड करते थे. गैंग के सभी लोग मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे थे. पूछताछ में इनमें से पांच लोगों ने खुद को नेपाल का बताया है और ये सभी इंदिरापुरम में एक कॉल सेंटर के माध्यम से ठगी का काम कर रहे थे. साल 2020 से इनका ये गैंग ऑपरेट हो रहा था, लगभग 10 हजार लोगों के साथ इनके द्वारा ठगी की बात सामने आई है. बाकी जो भी ठगी का शिकार हुए हैं उनसे संपर्क करके अभियोग पंजीकृत करते हुए आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.
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