Ghaziabad News: गाजियाबाद (Ghaziabad) जिला न्यायालय ने 33 दिन के अंदर दो मामलों में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा कि दरिंदगी करने वालों को जिंदा रहने का अधिकार नहीं है. पहली घटना में गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र में 1 दिसम्बर 2022 को साढ़े 4 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी की गई थी, उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस की त्वरित पैरवी के जरिए जिला न्यायालय द्वारा आरोपी को 64 दिन बाद मृत्य दंड दिया गया.
दूसरा मामला 9 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई, जिसमें जज ने कहा कि दोषी को मरने तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए. इसी तरह 33 दिन के अंदर दो आरोपियों को फांसी की सजा हो गई है.
क्या है पूरा मामला?
गाजियाबाद के मोदीनगर थाना क्षेत्र में 18 अगस्त 2022 को 9 साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी कपिल को दोषी करार दिया था. विशेष लोक अभियोजक संजीव बरखवा के मुताबिक 363, 376AB, 323 और धारा 5/6 पॉक्सो अधिनियम के तहत सोमवार को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में कुल 14 गवाह पेश किए गए. 15 मार्च को कोर्ट द्वारा मामले में आरोपी कपिल को फांसी की सजा सुनाई गई है.
मोदीनगर में 18 अगस्त 2022 की रात दो बच्चियों का अपहरण हुआ था. उसी गांव का रहने वाला कपिल कश्यप दोनो बच्चियों को आईसक्रीम खिलाने के बहाने से साइकिल पर बैठाकर अपने साथ ले गया था. जिसमें एक बच्चे की उम्र 9 साल जबकि दूसरे की उम्र 6 साल थी. दोनो बच्चियों को गन्ने के खेत में ले जाकर रेप करने का प्रयास किया. इस दौरान छह साल की बच्ची वहां से भागने में सफल हो गई. दरिंदे कपिल ने नौ साल की बच्ची के साथ रेप किया. रेप के बाद उसकी गला घोट कर हत्या कर दी थी.
दोनों रेपिस्ट को मिली फांसी की सजा
सुनवाई के दौरान कोर्ट में 14 गवाह पेश किए गए. गवाहों और साक्ष्यों के गाजियाबाद की पोस्ट को कोर्ट ने आरोपी कपिल को दोषी करार दिया था. बुधवार को कोर्ट में दोषी की सजा को लेकर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक संजीव बर्खवा द्वारा मजबूत पैरवी कर अदालत से दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने की गुहार लगाई गई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कपिल को फांसी की सजा सुनाई है. अभियोजन द्वारा इसकी पैरवी की गई है. इस मामले में बच्ची के पिता ने बताया कि हमारी बच्ची को इंसाफ मिला है, हम न्यायपालिका का पुलिस का शुक्रिया अदा करते है.
गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि दो मामले ऐसे आए थे, जिनमें जल्द से जल्द पैरवी की गई और दोनों मामलों में दो आरोपियों को जिला न्यायलय द्वारा फांसी की सजा सुनाई है. अभियोजन ने भी तेजी से इसकी सुनवाई की. पुलिस ने चार्टशीट दाखिल की कर पहले मामले साहिबाबाद में डीएनए का तुरंत परीक्षण कराया गया. वही दूसरा मामला मोदीनगर का था जिसमें तुरंत ही सबूत जुटाकर न्यायालय में पेश किए गए.
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