Ghaziabad News: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने सात ऐसे शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो नकली नोट बनाकर उन्हें बाजार में बड़े आराम से चला देते थे. भारतीय मुद्रा को डिमांड के हिसाब से छापे जाते थे और उनकी सप्लाई बाजार में कर दी जाती थी. 


पुलिस ने इस मामले में गहनता से जांच की. गाजियाबाद एएसपी अकाश पटेल ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि कुछ महीनों पहले एक पेट्रोल पंप पर एक व्यक्ति से अपने नोट के खुले पैसे कराए थे. उन खुले रुपयों में कुछ नोट जाली थे. लेकिन वह बाजार में चल गए. उसके बाद नोट बनाने का विचार दिमाग में आने लगा और यूट्यूब और अन्य जगह से जानकारी इकट्ठी की और जाली नोट बनाने का काम सीख लिया.


कमीशन पर करते थे नोटों का सप्लाई


गिरफ्तार अभियुक्त यूनस के मकान पर आजाद और सोनू मिलकर नोटों की छपाई और फिनिशिंग का काम करते थे. अमन और आलम एक असली नोट के बदले में 3 जाली नोट देते थे. इन नोटों को यह लोग बाजार में मांग के अनुसार सप्लाई कर देते थे. यह लोग कमीशन पर आगे सप्लाई करते थे. नोट छापने का काम सोनू, यूनस और आजाद करते थे.


पुलिस को मिली बड़ी सफलता


यही नहीं बदमाशों द्वारा बाकायदा प्रिंटिंग मशीन के द्वारा नोटों को छापने का धंधा बड़े जोर शोर से चल रहा था, जिनके कब्जे से पुलिस ने 6 लाख 59 हजार नकदी नोट और नोट बनाने का कागज और प्रिंटर मशीन बरामद किया है. बता दें कि पकड़े गए सातों ही बदमाश शातिर किस्म के बदमाश हैं, जो नकली नोट छाप कर बाजार में चलाने का भी धंधा करते थे. यह लोग कमीशन पर भी नोट दिया करते थे. 100 रुपये का नोट देकर 30 रुपये पार्टी से लेते थे. इनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


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