Farmers Protest: गौरव टिकैत ने कही बड़ी बात, बोले- सरकार हमें ना छेड़े, हम शांति से बैठे हैं
Ghaziabad News: भारतीय किसान यूनियन युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत (Gaurav Tikait) ने बड़ी बात कही है. गौरव ने कहा कि सरकार हमें ना छेड़े, शांति से बैठे हैं.
Farmers Protest: किसानों (Farmers) के ट्रैक्टर अलग-अलग बॉर्डर पर पहुंचने शुरू हो गए हैं. राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने चेतावनी दी है कि आंदोलन के 1 साल पूरे होने वाले दिन यानी 26 नवंबर तक मांग पूरी नहीं हुई तो अलग-अलग गांव से 27 नवंबर को भारी संख्या में आंदोलन स्थलों पर ट्रैक्टर पहुंचेंगे और आंदोलन को मजबूत किया जाएगा. अल्टीमेटम में ये भी कहा गया है कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) स्थल पर पक्के मकान बनाए जाएंगे. इससे आशंका ये है कि कहीं 26 जनवरी जैसा प्लान तो दोबारा किसान तैयार नहीं कर रहे हैं. इसी पूरे मामले को लोकर एबीपी गंगा की टीम ने भारतीय किसान यूनियन युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत (Gaurav Tikait) से बात की है.
दिल्ली जाने से क्यों रोका जा रहा है
गौरव टिकैत (Gaurav Tikait) ने बातचीत के दौरान कहा कि सरकार कह रही है हमने रास्ते खोल दिए है. किसान का अधिकार है कि वो दिल्ली जा सकता है लेकिन हम बिना बताए दिल्ली (Delhi) नहीं जाएंगे. गौरव ने कहा कि सरकार हमें ना छेड़े, हम शांति से बैठे हैं, हम आगजनी और हिंसा नहीं करते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि रास्ते खोल दिए गए हैं तो हमें दिल्ली जाने से क्यों रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में सभी उत्साहित हैं और दिल्ली भी जाएंगे.
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लंबी चलेगी लड़ाई
बता दें कि, हाल ही में भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि देश को आजाद कराने की लड़ाई 90 साल चली थी और किसानों की लड़ाई भी लंबी चलने वाली है. उन्होंने कहा था कि हमने किसानों के अनाज के लिए मंडियां ढूंढ ली हैं. हर जिले के थाने और डीएम के कार्यालय में अनाज को दफना आएंगे, वो स्थान सबसे ज्यादा सुरक्षित होता है.
किसान किसी के बहकावे में ना आएं
राकेश टिकैत ने ये भी कहा था कि किसान किसी के बहकावे में ना आएं और आज से ही अपना रुख दिल्ली (Delhi) की ओर कर लें क्योंकि ये लड़ाई लंबी चलने वाली है. उन्होंने कहा था कि सरकार के पास 26 नवंबर तक का टाइम है अगर वो हमारी बात मानती है तो ठीक, नहीं तो जो हमारे कच्चे टेंट है उन्हें हम पक्के करने का काम करेंगे और इस बार दीपावली किसान दिल्ली बॉर्डर पर ही मनाएंगे.
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