UP News: गाजियाबाद के अभिभावक सावधान, नाबालिगों को दिया अपना वाहन तो होगी ये कार्रवाई
Police Action: एडीसीपी रामानंद कुशवाहा ने बताया कि ऐसे भी नाबालिग बच्चों को ड्राइविंग लाइसेंस तो दिया नहीं जाता. हम अभिभावकों पर कार्रवाई कर रहे हैं. हम लोगों ने 45 अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई की है.
Ghaziabad Police: गाजियाबाद पुलिस अब नाबालिगों के वाहन चलाने के मामलों में सख्त हो गयी है. नाबालिग किशोर के वाहन चलाते पकड़े जाने पर उनके अभिभावकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है. अब तक 45 अभिभावकों के विरुद्ध शहर के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज भी कर ली गयी है. इस कार्रवाई के बाद अभिभावक सकते में हैं.
माता-पिता ही होंगे जिम्मेदार
अगर आपका नाबालिग बच्चा स्कूटी या मोटरसाइकिल चलाता है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. आपके बच्चे का ऐसा करना अब आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है. गाजियाबाद पुलिस ने साफ कर दिया है कि बच्चे अगर कानून का पालन नहीं करेंगे तो उनके माता-पिता ही इसके जिम्मेदार है. पुलिस का कहना है कि बिना लाइसेंस के वाहन चलाना ऐसे भी कानूनन अपराध है. पुलिस का कहना है कि अगर बच्चे अपराध करने से बाज नहीं आ रहे हैं तो उनके अभिभावक ही जिम्मेदार होंगे. ऐसे अभिभावक अपने बच्चे की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
बच्चों पर भी की जाएगी कार्रवाई
नाबालिग के वाहन चलाने के मामले में पुलिस ने साफ कर दिया है कि अभिभावक पर तो एफआईआर होगी ही, बच्चे के ऊपर भी कानून तोड़ने के चलते कार्रवाई होगी. ऐसे बच्चों का ड्राइविंग लाइसेंस 25 साल की उम्र तक नहीं बनेगा. इसके साथ ही वाहन पर भी 25 हजार रुपये का जुर्माना किया जाएगा. वाहन का रजिस्ट्रेशन भी एक साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा. पुलिस ने ये सख्त कदम इसलिए उठाया है, ताकि नियम तोड़ने से पहले ही बच्चों के साथ परिवारों में भी डर बैठे और वे बच्चों को ऐसा करने से रोकें.
लगातार जारी रहेगा अभियान
एडीसीपी रामानंद कुशवाहा ने बताया कि ऐसे भी नाबालिग बच्चों को ड्राइविंग लाइसेंस तो दिया नहीं जाता. हम ऐसे बच्चों के अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. इसमें हमलोगों ने 45 अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इस एक्ट में 25 हजार रुपए जुर्माना के साथ-साथ एक साल तक रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का भी प्रावधान है. उन्होंने बताया कि जो बच्चा वाहन चलाते हुए पकड़ा जाएगा, उसका भी 25 की उम्र तक लाइसेंस नहीं बनेगा. उन्होंने बताया कि नाबालिग बच्चों को तो समझ नहीं है. ऐसे में उनके अभिभावकों यह जिम्मेदारी बनती है कि वे उनकी जान के साथ खिलवाड़ नहीं करें. उन्होंने बताया कि हमारा ये अभियान लगातार जारी रहेगा.
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