Ghaziabad News: गाजियाबाद में मेड द्वारा यूरिन के आटे से रोटी बनाने की घटना के हड़कंप मच गया है. जिसके बाद सोसायटी के लोगों में डर और पैनिक है. लोगों का कहना है कि हाऊस हेल्प (मेड) के बिना काम नहीं चल सकता. खासकर उन लोगों का जो कामकाजी हैं. वक्त की कमी के चलते इतना काम करना मुश्किल हो जाता है लेकिन, इस घटना के सामने आने के बाद लोगों के मन में डर बैठ गया है. लोगों का कहना है कि वो भी अपने घरों में कैमरा लगवाएंगे और मेड रखने में एहतियात बरतेंगे.  

  


दरअसल क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित GH-7 सोसायटी में घरों में काम करने वाली मेड रीना 8 साल से जिस घर में साफ-सफाई से लेकर खाना बनाने का काम करती थी उस घर के लोगों के साथ विश्वासघात भी करती रही. उसने घर के लोगों को यूरिन के आटे से रोटियां बनाकर खिलाईं, परिवार के लोग बीमार पड़े और सभी का लीवर खरान होने लगा तो उसपर शक हुआ. जिसके बाद उन्होंने किचन में सीसीटीवी कैमरा लगवाया तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ. 


दूसरी मेड को सताया काम छूटने का डर
इस घटना के बाद सोसाइटी के दूसरे लोग भी डर गए हैं तो वहीं मेड भी घबरा गई हैं कि कहीं उन्हें अपने काम से हाथ न धोना पड़े. हाउस हेल्प का कहना है कि अगर हम लोग ऐसा करेंगे तो लोग ऐसा ही सोचेंगे. मुझे नहीं पता कि वो किन और घरों में काम करती थी. वहीं एक और मेड आरती ने कहा कि वो इस सोसाइटी के तीन घरों में खाना बनाती है. आज ये खबर आने के बाद सभी ने मुझसे पूछा कि मैं किसी बात को लेकर नाराज तो नहीं. लोगों में अविश्वास पैदा हो गया है जिसके लिए सिर्फ एक महिला जिम्मेदार है. जब मैंने वो वीडियो देखी तो मुझे खुद घिन आ गई. कोई नॉर्मल इंसान दुश्मनों के साथ ऐसा नहीं कर सकता. 


सोसाइटी के लोग हुए अलर्ट
हालांकि इस पूरे मामले पर पीड़ित परिवार ने बात करने से साफ इनकार कर दिया है. पूरा परिवार सदमे में है और इस घटना के बाद कहीं ना कहीं अपनी पहचान को छुपाना चाहता है. वहीं सोसाइटी के लोगों ने कहा कि वो एक ही घर में आठ साल से काम कर रही थी. जूही नाम की महिला ने कहा कि भारत में कोई ऐसा परिवार नहीं जिनके पास हाउस हेल्प नहीं है. हमें और अलर्ट होना होगा. अब किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता. कामवाली के बिना काम नहीं चलेगा. CCTV लगाना समाधान हो सकता है जिससे ये मामला सामने आया है.


एक और महिला स्नेहा ने कहा कि हाउस हेल्प पर विश्वास तो सभी करते हैं लेकिन अब विश्वास टूट गया. ये अच्छा नहीं हुआ. मैं खाना तो नहीं बनवाती हूं लेकिन आगे के लिए भी डर बैठ गया है. एक ऐसा काम करता है तो दूसरों पर भी शक होता है. कविता नाम की महिला ने कहा कि उन्हें बहुत घिन आ रही है. अब तो लगता है कि हाउस हेल्प रखनी ही नहीं चाहिए. आठ साल से उसके बारे में किसी को पता ही नहीं चला. 


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