Ghaziabad News: गाजियाबाद स्थित कनावनी पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर पिटाई में ऑटो चालक की मौत के बाद चौकी के प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी और उन्हें निलंबित कर दिया गया. पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा के आदेश के बाद मृतक ऑटो चालक धर्मपाल यादव के चचेरे भाई मुरारी की शिकायत पर कनावनी पुलिस चौकी प्रभारी उप निरीक्षक अमित कुमार, आरक्षी रविंद्र और दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.


कनावनी पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर पिटाई में ऑटो चालक की मौत के बाद इंदिरापुरम कोतवाली इलाके में ऑटो चालकों के एक समूह ने सोमवार को पांच घंटे से अधिक समय तक सीआईएसएफ रोड को अवरूद्ध किया. मृतक ऑटो चालक के चचेरे भाई मुरारी ने पत्रकारों को बताया कि उनके भाई धर्मपाल यादव (25) को रविवार रात कनावनी पुलिस चौकी में पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर पीटा था, जिसके कारण उनके सीने में दर्द हुआ. मुरारी ने कहा कि सुबह जब धर्मपाल को एक निजी अस्पताल ले जाया गया तो चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.



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इन धाराओं के तहत केस दर्ज
धर्मपाल की मौत की सूचना मिलते ही ऑटो चालक पुलिस चौकी पर जमा हो गए और करीब पांच घंटे तक यातायात जाम कर दिया. ऑटो चालक मृतक की पत्नी के लिए मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे. उन्होंने धर्मपाल से मारपीट करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. अधिकारियों ने बताया कि चौकी प्रभारी समेत चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए और अन्य संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.


समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के ट्विटर हैंडल से बीजेपी नीत राज्य सरकार की आलोचना की और सरकार से मृतक की पत्नी को एक करोड़ रुपये और उसे सरकारी नौकरी देने की मांग की. सपा नेता ने भी पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.