Ghaziabad News: गाजियाबाद थाना कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी दस्तावेज के जरिए लोन पास कराकर शोरूम से गाड़ी निकालते थे. इस गिरोह में काम करने वाले पांचो अभियुक्त पढ़े-लिखे हैं. एमबीए इंजीनियरिंग की डिग्री इनके पास थी. कोविड काल के दौरान इनकी जॉब चली गई थी. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने बताया, चुनाव का समय है ऐसे में पुलिस लगातार चेकिंग अभियान चला रही है. हापुड़ तिराहे के पास चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध वाहन की चेकिंग की गई, जिसमें कुछ संदिग्ध सामान बरामद हुए. इसमें दो लैपटॉप एक कलर प्रिंटर थे.


अपराध करने का अलग तरीका
पुलिस ने जब इनसे  पूछताछ की तो पता चला एक शातिर गिरोह है, जो फर्जी दस्तावेज तैयार करता है. इनके अपराध करने का तरीका बिल्कुल अलग है. यह शातिर अपराधी फर्जी दस्तावेज तैयार करके एक फाइल तैयार करते हैं जिसमें सैलरी स्लिप, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट आदि लगाकर फाइल को बैंक रिटेलर के माध्यम से बैंक में फाइल लॉगिन कराते थे. इसके बाद बैंक का आरआईसी डिपार्टमेंट रिक्त डिपार्टमेंट द्वारा रेन्डमली फाइल पास कर दी जाती थी.


ये अपराधी कुछ दिनों के लिए मकान भी किराए पर लेते थे और उस मकान का आधार कार्ड का पता बदल देते थे. उसके बाद फील्ड ऑफिसर सर्वे करने के लिए उस पते पर आता था. उससे सेटिंग करके कुछ पैसे देकर सर्वे करा लेते थे. सर्वे के 24 घंटे बाद बैंक से फोन आता था कि आपका लोन पास हो गया है. टोटल अमाउंट का 15 से 25 प्रतिशत डाउन पेमेंट कैश शोरूम पर जमा कर देते थे. बाकी 75 से 85% इसमें लोन हो जाता था. इसके बाद ये लोग डाउन पेमेंट शोरूम पर जमा करके शोरूम से गाड़ी ले लिया करते थे.  इस गिरोह का मास्टरमाइंड अजीत था. बैंक के जरिए जो फील्ड ऑफिसर सर्वे करता था इसमें उसकी भूमिका पाई गई है उसका नाम विवेक त्यागी जिसे गिरफ्तार किया गया.
 
5 गिरफ्तार
शोरूम से लाए गए वाहनों को ग्रामीण क्षेत्र की भोली-भाली जनता को विश्वास में लेकर उनके साथ धोखा करके बेच देते थे. जिसके लिए फाइल में लगाए गए आधार कार्ड, पैन कार्ड फर्जी होता है. जिसके माध्यम से बैंक में 5000 रुपए जमा करके खाता खुलवा लेते हैं, 5000 रुपये की ऑनलाइन बैंक स्टेटमेंट की कॉपी निकलवा लेते हैं जिसको स्कैन करके 3 महीने की फर्जी बैंक स्टेटमेंट सैलरी स्लिप तैयार कर लेते हैं. यह लोग अलग अलग राज्य के अलग-अलग जिलों के एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक के माध्यम से फर्जी लोन दस्तावेज तैयार कराते हैं. पुलिस ने इस शातिर गिरोह का भंडाफोड़ किया और 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है


क्या-क्या बरामद हुआ
इनका अपराधिक इतिहास भी है. इस मामले में पुलिस ने अजीत सागर, यश चौहान, अरुण भारद्वाज और विवेक त्यागी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से फर्जी तरीके से निकाली गई गाड़ियां और मोटरसाइकिल बरामद की है और साथ ही फर्जी दस्तावेज बनाने वाले उपकरण भी बरामद किए हैं. पुलिस ने इनके पास से 4 कार, 2 बिना नंबर प्लेट की मोटरसाइकिल, फर्जी दस्तावेज बनाने के उपकरण, 2 लैपटॉप, एक कलर प्रिंटर, एक लैमिनेशन मशीन, एक पेन ड्राइव, एक ओटीजी केबल, दो स्टांप पैड, लैपटॉप चार्जर, एक बंडल लेमिनेशन फिल्म, एक माउस, कीबोर्ड, वीजीए केबल, एक कार्ड रीड,र 8 फर्जी आधार कार्ड, 5 एटीएम कार्ड बरामद किये है. कानूनी कार्रवाई की जा रही है.


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