Medical plants: गाजियाबाद में 10 एकड़ में औषधि पौधे लगाने का काम तेजी से चल रहा है. ये पौधे न सिर्फ पर्यावरण को स्वच्छ करेंगे, बल्कि इसका प्रयोग औषधियों के रूप में भी किया जा सकेगा. इस औषधीय पौधों को लगाने से शहर की ऑक्सीजन में भी सुधार होने की बात कही जा रही है. लिहाजा, भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथिक रिसर्च संहिता आयोग (पीसआईएमएच) के परिसर में कई प्रजातियों के औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं. गौरतलब है कि योग के प्रचार के साथ ही सरकार आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा पद्धति और होम्योपैथिक के विकास के लिए भी काम कर रही है.


1500 प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे


गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर में आयोग का मुख्यालय बना हुआ है. प्रयोगशाला के पास एक बहुत ही बड़ा परिसर है. इस प्रयोगशाला में वैज्ञानिक शोध करते हैं. खाली पड़े परिसर में अब औषधीय भौधों को विकसित किया जाएगा. इस परिसर में 1500 प्रजातियों में से 200 प्रजातियों के पौधे लगाने की कवायद शुरू हो गई. यह औषधि पौधे आबोहवा को भी साफ सुथरा करने में मदद करेंगे.


किसानों को औषधीय खेती के लिए करेंगे परेरित


प्रयोगशाला के डायरेक्टर रमन मोहन सिंह ने बताया कि ये नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड का प्रोजेक्ट है. गंगा के किनारे क्षेत्रों से उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल से पौधों को एकत्रित कर इस परिसर में पौधे लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो पौधे यहां पर लगाए जाते हैं. उन पर रिसर्च भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि यहां कई प्रजातियों के पौधे लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां आयुर्वैदिकस युनानीस सिद्धा पद्धति सहित सभी तरह की औषधि के लिए पौधे लगाए जा रहे हैं. वहीं, आने वाले समय में हम कैंपस के अलावा किसानों को भी इन औषधि पौधे लगाने की जानकारी उपलब्ध कराएंगे.  किसानों को इसके बारे में बताया जाएगा कि अधिक से अधिक इनकी खेती करें, क्योंकि ये  स्वास्थ्य के लिए बेहतर होने के साथ ही इसमें मुनाफा भी है.


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