Ghaziabad News: गाजियाबाद नगर निगम के सड़क निर्माण में बड़ा घोटाला सामने आया है. दरअसल, राजनगर सेक्टर-7 में ठेकेदार को कान्ट्रैक्ट देकर 42 से 50 लाख रुपए खर्च कर सड़क बनाई गई, लेकिन सड़क बनने के बाद ही उखड़ने लगी. वही जब टेस्टिंग की बात सामने आई तो एसडीबीसी की जगह बीएम की टेस्टिंग करा दी गई. सड़क निर्माण में सड़क उखड़ने लगी तो इसकी शिकायत की गई.


सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि जिस कंपनी ने गाजियाबाद में यह सड़क बनाई है, उस समय इसी कंपनी ने मेरठ में भी सड़क बनाई थी. हैरानी की बात यह है कि यही कंपनी है और यही अवर अभियंता राजेंद्र सिंह है. उस समय मेरठ में अवर अभियंता को निलंबित कर दिया गया था. 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात करते हैं, लेकिन नगर निगम में घोटाले रुकने का ही नाम नहीं ले रहे हैं. राजनगर सेक्टर- 7 में सड़क निर्माण को लेकर स्थानीय पार्षद अजय कुमार ने भी इसकी शिकायत की. शिकायत के बाद टेस्टिंग के लिए मेटेरियल एसडीबीसी की जगह बीएम की टेस्टिंग करा दी. मौके पर जाकर देखा तो सड़क कईं जगह से उखड़ने लगी है.


क्या है पूरा मामला?
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस दिन से सड़क बन रही थी, हमने उसी दिन कहा था कि यह सड़क ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी, लेकिन ठेकेदार यह सड़क बनाता रहा. स्थानीय पार्षद अजय कुमार ने बताया कि हमने कई जगह से शिकायत की, लेकिन शिकायत में कोई संज्ञान नहीं लिया गया, फिर नगर आयुक्त ने इसकी जांच बैठाई है. स्थानीय पार्षद का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर वह नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर शिकायत करेंगे. 


पार्षद अजय शर्मा का कहना है कि उनके वार्ड में सड़कों के सुधार पर नगर निगम ने करीब 42 से 50 लाख रुपये खर्च किए हैं. तकरीबन वार्ड-67 में सड़क बनाने का ठेका पीपी रियलकॉन नाम की फर्म को दिया गया था. सड़क बनने के चार-पांच दिन बाद ही गिट्टियां उखड़नी शुरू हो गई थी और एक हफ्ते में सडकों की फिर बुरी दशा हो गई. उन्होंने इसकी शिकायत निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एनके चौधरी से की तो उन्होंने सड़क का मेटेरियल लेकर जांच कराई.


इस मामले में गाजियाबाद नगर आयुक्त डॉ नितिन गौर ने बताया कि राज नगर सेक्टर 7 में सड़क की गुणवत्ता की खराबी के बारे में शिकायत आई थी.उस पर संज्ञान लेते हुए! चीफ निर्माण अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए बोला गया है. गाजियाबाद में एक बार फिर से टेस्टिंग के लिए सैंपल भेजे गए हैं जो सड़क खराब हो गई है, उसे दोबारा बनवाया जाएगा और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.


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