Ghaziabad Pollution: गाजियाबाद में गंभीर श्रेणी में पहुंचा एक्यूआई, जिले में ग्रैप का तीसरा चरण लागू
Ghaziabad News: दिवाली के बाद से लगातार जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के पार दर्ज किया जा रहा है. जिसके चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रैप के तीसरे चरण को जिले में लागू कर दिया है.
Ghaziabad News: गाजियाबाद (Ghaziabad) में लगातार प्रदूषण का कहर देखा जा रहा है. जिसके चलते अस्पतालों में भी मरीजों की लंबी कतार देखने को मिल रही है. अब ऐसे गाजियाबाद में ग्रैप का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है. जिसके चलते औद्योगिक इकाइयों में सिर्फ पांच दिन काम ही काम हो सकेगा. दिवाली के बाद से लगातार प्रतिदिन जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के पार दर्ज किया जा रहा है. वही एक्यूआई 360 रहा. जिसके चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की सिफारिशों के तहत जिले में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण को जिले में लागू कर दिया है.
गंभीर श्रेणी पर पहुंचा जिले का एक्यूआई
अब इसके तहत उद्योगों की अलग-अलग यूनिट्स में सिर्फ पांच दिन चरणवार ही काम हो सकेगा. ऐसे में पीएनजी और बायोफ्यूल्स का इस्तेमाल नहीं करने वाले उद्योग पूर्ण रूप से बंद भी रहेंगे. डीजल, जनरेटर और तंदूर जलाने पर पूरी तरह से रोक भी लगा दी गई है. इसके साथ ही हाईवे और सड़क समेत सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. वसुंधरा का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में 368 इंदिराप्रुपम 369 एक्यूआई संजय नगर का 380 एक्यूआई पर दर्ज किया गया है. तो वहीं लोनी में 407 एक्यूआइ दर्ज किया गया है.
इन चीजों का रखें ख्याल
वैज्ञानिकों की माने तो धीमी गति से हवा चलने के कारण प्रदूषण के स्तर में खास सुधार नहीं हो रहा है. अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण की यही स्थिति बनी रहने की आशंका जताई है. ऐसे में सभी 22 विभागों को तीसरे चरण का पालन कराने के लिए पत्र लिखा गया है.जीडीए और नगर निगम अब लगातार शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव करवा रहे है. प्रदूषण की खराब श्रेणी को लेकर वसुंधरा और इंदिरापुरम, गोविंदपुरम, राजनगर एक्सटेंशन में जीडीए और नगर निगम के अधिकारियों ने सड़कों से उड़ती धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव कराया जा रहा है. अस्थमा के मरीज, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से छोटे बच्चों के लिए बिना मास्क घर से बाहर निकलना हानिकारक साबित हो सकता है. क्योंकि पीएम 10 और पीएम 2.5 के कण फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए बाहर निकलें तो आंखों पर चश्मा लगा लें और मास्क लगाएं. रोजाना सुबह शाम गर्म पानी पीएं.
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