यति नरसिंहानंद ने कहा- 'मुस्लिम समुदाय के सम्मेलन में 'हनुमान चालीसा' का पाठ करें हिंदू'
Ghaziabad News: डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद ने शुक्रवार को ‘‘हिंदू समुदाय’’ से दिल्ली में होने वाले मुस्लिम समुदाय के सम्मेलन में हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपील की.

Yati Narsinghanand Statement: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना शिव मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद का एक और बयान सामने आया है. यति नरसिंहानंद ने शुक्रवार को 'हिंदू समुदाय से' दिल्ली में होने वाले मुस्लिम समुदाय के सम्मेलन में हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपील की. डासना शिव मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने पैंगबर मोहम्मद साहब को लेकर विवादित बयान दिया था, उनके बयान की खूब अलोचना हुई थी, मुस्लिम समाज के लोगों ने उन पर कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था.
कई मामलों में फंसे विवादास्पद नेता यति ने एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि, हिंदू समाज को शाहीन बाग आंदोलन की गलती नहीं दोहरानी चाहिए और इस्लामिक जिहादियों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए. आपको बता दें कि, रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में वक्फ संशोधन विधेयक के मुद्दे पर मौलवी तौकीर रजा ने मुस्लिम सम्मेलन बुलाया है. जिस पर यति नरसिंहानंद का बयान आया है.
यति नरसिंहानंद ने वीडियो संदेश में क्या कहा?
यति नरसिंहानंद ने जारी वीडियो संदेश में कहा है कि, अगर अब भी हम जिहादियों का विरोध नहीं करते हैं, तो बांग्लादेश, पाकिस्तान, कश्मीर, अफगानिस्तान, ईरान, अरब की तरह हम सब कुछ खो देंगे और भारत से भी खत्म हो जाएंगे. गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि चूंकि मामला दिल्ली से जुड़ा है, इसलिए उन्हें यति और उनके अनुयायियों को सीमा पार करने की अनुमति देने में कोई आपत्ति नहीं होगी, बशर्ते उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के अधिकारियों द्वारा अनुमति दी जाती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार विवादित यति नरसिंहानंद जिस डासना मंदिर के महंत हैं, वह महाभारत काल का है. मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इसी मंदिर में शरण ली थी. कथित दावों के अनुसार, मुगल शासन काल में इस मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया था. उस समय के महंत ने मुगलों से छिपाकर मंदिर में लगी देवी मूर्ति को तालाब में छिपा दिया था.
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