Cyber Crime In UP: उत्तर प्रदेश में लगातार साइबर अपराध (cyber crime) का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. अगर बात करे जनपद में कई ऐसे केस आए हैं जिसमें फर्जी आधार कार्ड बनाकर बैंकों से पैसे के तरीके गई ओटीपी के जरिए पैसे निकाल लिए गए. बीमा के नाम नाम पर ठगी, एटीएम (ATM) कार्ड के जरिए ठगी लगातार जारी है. इस मामले में प्रदेश में गाजियाबाद (Ghaziabad) पहले नंबर पर है वहीं आगरा (Agara) दूसरे और लखनऊ (Lucknow) तीसरे स्थान पर है. गाजियाबाद साइबर सेल पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक एक अगस्त की वारदातों के साथ इस साल गाजियाबाद पुलिस ने साइबर अपराध में कुल 2098 मामले दर्ज किए हैं. आपराधियों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि ये आसानी से बच निकलते हैं.
साइबर अपराध में टॉप पर 5 जिलों की सूची
जिले | कुल मामले |
गाजियाबाद | 2098 |
आगरा | 1032 |
लखनऊ | 698 |
मेरठ | 568 |
झांसी | 255 |
साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कुछ समय पहले इस पोर्टल को तैयार किया गया था. इसमें सभी राज्य और सभी जिलों की पुलिस को साइबर अपराध की पूरी डिटेल दर्ज करने को कहा गया था. जिसका उद्देश्य था कि देश में कहीं भी कोई अपराधी किसी साइबर वारदात को अंजाम देता तो उसकी डिटेल के आधार पर उसको ट्रैक किया जा सके.
इस पोर्टल पर उत्तर प्रदेश पुलिस की 97 आईडी बनाई गई है प्रत्येक जिलों की पुलिस अपने अपने क्षेत्र के सूचना अपलोड करती है, इसमें सभी तरह के साइबर अपराध की शिकायतों को शामिल किया जाता है. भले ही उन शिकायतों पर मुकदमा दर्ज ना हो लेकिन उनका पूरा डाटा इस पोर्टल पर अपलोड रहता है.
हर मामले का अलग से लिंक होता है इस पोर्टल पर शिकायतों का भी अलग से लिंक दिया जाता है. शिकायत पर क्लिक करते हैं तो पूरी शिकायत सामने आ जाती है. कब कहां और कैसे वारदात हुई इसका पूरा डिटेल मिल जाता है. यहां तक कि यदि किसी शिकायत पर पुलिस ने अपराधी को पकड़ा हो तो उसका भी विवरण इस में दिखाई देगा.
किसी भी अपराधी अपराधी का विवरण एक बार साइबर सेल पोर्टल में दर्ज होने के बाद देश भर में किसी भी राज्य या जिले की पुलिस में एक मिनट के अंदर ट्रैक कर सकेगी. यदि किसी अन्य राज्य में बैठकर कोई साइबर अपराधी गाजियाबाद में वारदात को अंजाम देता है तो केंद्रीय पुल के माध्यम से अन्य राज्यों की पुलिस के जरिए गाजियाबाद पुलिस इन अपराधियों तक पहुंच सकेगी.
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