UP News: गाजियाबाद (Ghaziabad) का आवास विकास परिषद अपैक्स बिल्डर पर मेहरबान है. उसकी मेहरबानी ऐसी कि नियम-कानून की अनदेखी की जा रही है. बिल्डर ने नियमों की अनदेखी करते हुए ईडब्ल्यूएस और एलआईजी फ्लैट (LIG Flats) ही नहीं बनाए हैं. देश के प्रधानमंत्री चाहते हैं कि गरीबी रेखा में जीने वाले लोगों का हर जगह हिस्सा हो, लेकिन अधिकारियों के साथ मिलकर बिल्डर पलीता लगा रहे हैं. 


बिल्डर ने आवास विकास से जमीन लेने के समय समझौता किया था जिसके अनुसार बिल्डर को एपेक्स द क्रेमलिन सोसाइटी में 118 ईडब्ल्यूएस फ्लैट और 118 एलआईजी फ्लैट बनाने थे लेकिन बिल्डर ने अपने पूरे प्रोजेक्ट में एक भी गरीबी रेखा के लोगों के लिए फ्लैट नहीं बनाया. इस मामले में हुई शिकायत इसके बाद अपेक्स बिल्डर पर शासन ने संज्ञान लिया है. शासन ने शिकायत के बाद जिला अधिकारी राकेश कुमार सिंह को जांच सौंपी है. पूरे प्रकरण की जांच जिलाधिकारी कर रहे हैं. शुरुआती जांच में यह जानकारी सामने आई है कि बिल्डर ने आवास विकास की शर्त नहीं मानी और आवास विकास से कौड़ियों के भाव में जमीन ले ली. जमीन लेने की शर्त न मानने पर आवास विकास ने भी विजय नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.


आवास विकास ने किया अपना बचाव


इस मामले में गाजियाबाद आवास विकास के मुख्य अधीक्षक अभियंता राकेश चंद्र ने बताया बिल्डर को जो जमीन दी गई थी उसमें उसे ईडब्ल्यूएस के फ्लैट और एलआईजी के फ्लैट ऊपर की तरफ बनाने थे , बिल्डर ने यह नहीं बनाए. हालांकि आवास विकास अधिकारी इस मामले पर बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि उसी टावर पर ऊपर यह मकान बनाने थे, मकान बनाने के बाद ही कार्रवाई हो सकती थी, चूंकि उसकी मंशा का पता बाद में चला. शासन स्तर से इस मामले पर जांच चल रही हैं. बिल्डर पर एफआईआर भी दर्ज हुई है. 


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