गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में 4 ब्लॉक प्रमुख पदों में से लोनी ब्लॉक पर चुनाव बेहद रोमांचक हो गया है. दो दावेदारों में 'गला काट' जंग छिड़ी हुई है. कोई भी एक-दूसरे से कम नहीं है. वजह एक दावेदार को वर्तमान भाजपा विधायक का आर्शीवाद है तो दूसरे पर पूर्व बाहुबली विधायक का हाथ है. ऐसे में लोनी ब्लॉक पर वोटों का समीकरण बिठाने के लिए सियासी दांव पेंच खेले जा रहे हैं.


चुनाव को लेकर मचा है सियासी घमासान
गाजियाबाद में वैसे तो 4 ब्लॉक हैं जिनपर प्रमुख का चुनाव होना है. लेकिन, लोनी ब्लॉक प्रमुख पद के लिए सियासी जंग कुछ ज्यादा ही चल रही है. वजह एक तरह भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर के चचेरे भाई कोमल की पत्नी दावेदार हैं तो दूसरी कैंडिडेट मनीष कसाना की पत्नी रेनू हैं जिन्हें पूर्व बाहुबली विधायक मदन भैया का संरक्षण प्राप्त है. ऐसे में चुनाव को लेकर सियासी घमासान भी मचा है.


बना रहे बलॉक पर कब्जा 
दरअसल, विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपने ही कुनबे के भाई को ग्राम का प्रधान बना दिया फिर चचेरे भाई की पत्नी को बीडीसी बनवाकर क्षेत्र में अपनी पकड़ का अहसास करा दिया. अब वो चाहते है कि लोनी ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी भी उनके खानदान में ही रहे, ताकि अगर विधायक की कुर्सी छिन भी जाए तो ब्लॉक पर उनका कब्जा बना रहे.


पुलिस पर उठ रहे हैं सवाल 
लोनी ब्लॉक की बात करें तो यहां 74 बीडीसी सदस्य हैं. ब्लॉक प्रमुख बनने के लिए कुल 38 वोट चाहिए. लेकिन, वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए सभी तरह के हथकंड़े अपनाएं जा रहे हैं. जिसके चलते एक कैंडिडेट के पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. जबकि, दूसरे की रिपोर्ट दर्ज करने में पुलिस आनाकानी कर रही है. अब पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं.


छिड़ चुकी है सियासी जंग 
ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव का ऊंट किस करवट बैठेगा, ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा. लेकिन, अभी हालत ये है कि भाजपा से कैंडिडेट की घोषणा तक नहीं हुई है और दोनों पक्षों में सियासी जंग छिड़ी है. दोनों पक्षों में ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी को लेकर शह-मात का गेम चल रहा है और पुलिस सत्तापक्ष के विधायक के दबाव में पार्टी बनी हुई है.


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