Ghaziabad News: गाजियाबाद निवासियों को लग सकता है झटका, हिंडन एलिवेटेड रोड पर टोल वसूलने की योजना
Hindon Elevated Road: दो लोन चुकाने के लिए प्राधिकरण को पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है. पहला लोन हिंडन एलिवेटेड रोड के लिए है, जिसकी राशि 700 करोड़ है, जबकि दूसरा लोन 900 करोड़ रुपए का है.
Ghaziabad Development Authority: गाजियाबाद के लोगों को झटका लग सकता है. आने वाले महीनों में अब हिंडन एलिवेटेड रोड पर टोल देना पड़ सकता है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने अधिकारियों को हिंडन एलिवेटेड रोड पर टोल वसूलने की योजना बनाने पर काम करने को कहा है. यह एलिवेटेड रोड़ राज नगर एक्सटेंशन को दिल्ली जोड़ती है, जो गाजियाबाद और दिल्ली की सीमा के पास यूपी गेट से शुरु होती है. प्राधिकरण का कहना है कि एलिवेटेड रोड़ परियोजना को बनाने में भारी लागत आई थी. इसके लिए लोन लिया गया था, भारी लागत के कारण इस प्रस्ताव पर विचार किया गया है.
लोन चुकाने के लिए आया प्रस्ताव
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक हिंडन एलिवेटेड रोड़ मुख्य रूप से एक पिलर पर खड़ा है और यह शहर के बाहर-बाहर लोगों को ले जाता है, इसका इस्तमाल करने से लोगों को जाम से छुटकारा मिल जाता है. यह रोड़ 10.3 किलोमीटर लंबा है. अधिकारियों के अनुसार, एलिवेटेड रोड़ से प्रति दिन लगभग 40,000 वाहन गुजरते हैं. जबकि परियोजना की अनुमानित लागत 1,100 करोड़ आंकी गई थी, साथ ही इसे 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन गुजर सकें इसकी डिजाइन से बनाया गया था. प्राधिकरण ने 700 करोड़ का लोन लिया था. जिसके लिए पुनर्भुगतान पहले ही शुरू हो चुका है. बता दें कि सड़क को 30 मार्च, 2018 को जनता के लिए खोल दिया गया था.
अधिकारियों अध्ययन करने के आदेश
जीडीए के मुख्य अभियंता आरके गुप्ता ने कहा, "हमने अपने अधिकारियों से हिंडन एलिवेटेड रोड़ पर टोल लगाने की व्यवहारिक अध्ययन करने के लिए कहा है. एक बार अध्ययन पूरा हो जाने के बाद, हम प्रस्ताव पर विचार करेंगे क्योंकि लोन चुकाने में काफी पैसा चाहिए."
उन्होंने आगे कहा, "अध्ययन विभिन्न कानूनी प्रावधानों और उत्तर प्रदेश शहरी योजना और विकास अधिनियम, 1973 के प्रावधानों को भी ध्यान में रख कर किया जाएगा, इसमें यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या टोल लगाया जा सकता है. एक बार अध्ययन रिपोर्ट जमा करने के बाद, प्राधिकरण अंतिम निर्णय लेगा."
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दो लोन लिया गया था
दो भारी लोन को चुकाने के लिए प्राधिकरण को पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है. पहला लोन हिंडन एलिवेटेड रोड़ के लिए है, जिसकी राशि 700 करोड़ है, जबकि दूसरा लोन 900 करोड़ रुपए का है जो किसानों को उनकी जमीन का भुगतान करने के लिए है. दूसरा लोन किसानों की जमीन को अधिग्रहण करने में खर्च किया गया था.
जीडीए का विरोध शुरु
हालांकि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के इस फैसले के बाद विरोध भी शुरु हो गया है. राज नगर एक्सटेंशन के निवासी विक्रांत शर्मा ने कहा कि "निवासी इस कदम का विरोध करेंगे, क्योंकि प्राधिकरण पहले से ही राज नगर एक्सटेंशन जैसे क्षेत्रों से नक्शा मंजूरी पर ऊंची सड़क का टैक्स वसूलता है. इसके बजाय, प्राधिकरण को कमर्शियल वाहनों या लंबी दूरी के यात्रियों पर टोल लगाने पर विचार करना चाहिए, लेकिन स्थानीय यात्रियों पर नहीं."
कवि नगर पार्षद हिमांशु मित्तल, जो जीडीए बोर्ड के सदस्य भी हैं, ने कहा कि यह कदम उचित नहीं है. यहां के निवासियों ने 2019 में इस तरह के कदम का विरोध किया था. हिंडन एलिवेटेड रोड़ का इस्तेमाल करने के लिए एक टोल का प्रस्ताव उचित नहीं है. यह कोई राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है.
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