Uttar Pradesh News: महज साढ़े चार साल की बच्ची से रेप (Rape) करके मौत के घाट (Murder) उतारने के एक मामले में गाजियाबाद की सेशन कोर्ट (Ghaziabad Sessions Court) ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. घटना के पांच दिन बाद गिरफ्तारी होते ही वारदात के महज 64 दिन बाद ही इस मामले में तमाम कार्यवाही करके दोषी को सजा दी गई है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र में महज साढ़े चार साल की बच्ची के साथ रेप की हुआ थी. 1 दिसंबर 2022 को हुई वारदात के बाद आरोपी ने बच्ची की हत्या कर दी और फरार हो गया. पुलिस (Ghaziabad Police) ने ब्लाइंड मर्डर की मिस्ट्री को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर महज पांच दिन में सुलझा लिया और आरोपी सोनू को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.
पुलिस ने सनसनीखेज मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कोर्ट में चार्जशीट फाइल की. कोर्ट में 18 गवाहों की गवाही हुई और रिकॉर्ड घटना के महज 64 दिन बाद ही अदालत ने फैसला सुना दिया. अदालत ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर आरोपी सोनू को दोषी करार देते हुए इस सनसनीखेज मामले में फांसी की सजा से दंडित किया है. अदालतों में इस तरह के संगीन मामले सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की तादात में लंबित पड़े हैं, लेकिन इस मामले में पुलिस की तत्काल कार्रवाई और अदालत की तेजी से की गई सुनवाई यदि हर कोर्ट में हो तो पीड़ितों को तत्काल न्याय मिले.
डीसीपी ने क्या बताया
डीसीपी ट्रांस हिंडन दीक्षा शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, एक दिसंबर 2022 को थाना साहिबाबाद पर एक चार साल की बच्ची के अपहरण का मुकदमा लिखवाया गया था. 2 दिसंबर 2022 को उस बच्ची का शव सिटी फॉरेस्ट एरिया में बरामद हुआ था. पोस्टमार्टम में इस बात की पुष्टि हुई थी कि बच्ची का रेप कर गला घोंटकर उसकी हत्या की गई है. घटना के खुलासे के लिए टीमों का गठन किया गया था. टीमों द्वारा 100 से 150 सीसीटीवी फुटेज जो घटना के चार किलोमीटर के एरिया में थे को चेक किया गया. अभियुक्त का स्केच भी जारी कराया गया था और अथक प्रयासों के बाद 6 दिन बाद यानि 7 दिसंबर को अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया था.
डीसीपी ने आगे बताया कि, इसके बाद जांच में काफी साइन्टिफिक एविडेंस कलेक्ट किए गए थे, जिसमें अभियुक्त द्वारा घटना के दौरान पहने गए कपड़ों जिनपर बच्ची का खून लगा हुआ मिला था. इसकी पुष्टि डीएनए रिपोर्ट में हुई. इसके अलावा बच्ची के शव पर मिले बाल, जिनकी डीएनए में पुष्टि हुई है कि वो अभियुक्त के ही थे. इसके अलावा अभियुक्त से ही बरामद सिटी फॉरेस्ट की एन्ट्री टिकट जिसमें इस बात की पुष्टि हुई थी कि घटना के समय वो वहां पर ही मौजूद था.
डीसीपी ने आगे बताया कि, इन सब साइन्टिफिक एविडेंस और परिस्थितिजन साक्ष्य के आधार पर 15 दिन के अंदर विवेचक द्वारा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. इसके बाद पुलिस और अभियोजन की तरफ से इस मुकदमें में प्रभावी पैरवी कराई जा रही थी. इसमें कुल 28 विटनेस एग्जामिन किए गए थे. मुकदमें की सुनवाई 48 दिन के अंदर कोर्ट द्वारा पूरी कर ली गई थी. वहीं आज इस मुकदमे में नाबालिग बच्ची के अपहरण, रेप और हत्या के जुर्म में अभियुक्त सोनू गुप्ता को कोर्ट द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है.