Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन ने रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर उन पर शनिवार को हमला कर दिया और उनकी झुग्गियों को नष्ट कर दिया. पुलिस ने यह जानकारी दी. उसने बताया कि हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और बादल उर्फ हरिओम सिंह को शनिवार देर रात इस मामले में गिरफ्तार किया गया.
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस घटना के सिलसिले में हमलावर समूह के नेता समेत अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने दावा किया कि जिन लोगों पर हमला किया गया है, वे बांग्लादेशी नहीं, बल्कि प्रदेश के ही निवासी हैं. पुलिस के अनुसार, हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ‘पिंकी’ और उनके 20 समर्थकों ने शुक्रवार को गुलधर रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वाले कुछ लोगों को बांग्लादेशी बताते हुए बुरी तरह पीटा और उनकी झुग्गियों में तोड़फोड़ की.
उसने बताया कि शुक्रवार शाम करीब साढ़े सात बजे किए गए इस हमले में कुछ लोग घायल हो गए. गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कहा, 'झोपड़ियों में रहने वाले लोग बांग्लादेश के नहीं हैं, बल्कि शाहजहांपुर के हैं.' मिश्रा ने कहा, 'पुलिस मामले में हमलावरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने पर विचार कर रही है.' कवि नगर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर जांच की गई, जिसमें पता चला कि हमले के शिकार वास्तव में बांग्लादेशी नागरिक नहीं हैं, जैसा कि हमलावरों ने दावा किया था.
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कर रहे थे गाली-गलौज और मारपीट
उन्होंने बताया कि संजय नगर सेक्टर-23 में उस समय ड्यूटी पर तैनात पुलिस उपनिरीक्षक संजीव कुमार ने स्थानीय मधुबन बापूधाम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि शोरगुल सुनने के बाद वह और उनकी पुलिस टीम मौके पर पहुंची, जहां उन्होंने देखा कि ‘पिंकी’ और उसके समर्थक बांग्लादेश विरोधी नारे लगाते हुए कुछ मुसलमानों के साथ गाली-गलौज और मारपीट कर रहे थे. शिकायत के अनुसार, समूह ने झुग्गियों को भी ध्वस्त कर दिया.
कुमार ने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की कि ये लोग बांग्लादेश से नहीं हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें पीटना जारी रखा और उनके ठिकानों को नुकसान पहुंचाया.’’ पुलिस ने बताया कि पिंकी और 20 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उसने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 191(2) (दंगा), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 117(4) (गंभीर चोट पहुंचाना), 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से उसके धार्मिक या धार्मिक विश्वासों को ठेस पहुंचाना), 324(5) (शरारत) और 354 (किसी व्यक्ति को यह विश्वास दिलाने के लिए प्रेरित करने के कारण किया गया कार्य कि वह ईश्वरीय नाराजगी का पात्र बन जाएगा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.