गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई के वायरल वीडियो मामले में गिरफ्तार हुए समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान पर ये कोई पहला केस दर्ज नहीं हुआ है. इससे पहले भी उम्मेद पहलवान का नाम थानों की फाइलों में दर्ज हुआ है. जब इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने उम्मेद पहलवान की कुंडली खंगालनी शुरू की, तो एक के बाद एक मामले सामने आने लगे.
गाजियाबाद पुलिस के सूत्रों की मानें, तो गाजियाबाद के लोनी से समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान के खिलाफ ये पहला मुकदमा नहीं है. इससे पहले ये कई थानों के चक्कर भी लगा चुके है. बुजुर्ग की पिटाई के मामले के खुद को पाक साफ बताने वाले उम्मेद के खिलाफ साल 2015 में साहिबाबाद थाने में एक लड़की ने छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करवाया था. पीड़िता को सुसराल वालों की प्रताड़ना से छुटकारा दिलाने के नाम पर वो लड़की का यौन शोषण करना चाहता था. उस समय उम्मेद के खिलाफ साहिबाबाद थाने में 354 यानी छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ था.
ऐसे और भी कई केस दर्ज
इतना ही नहीं जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी और पुलिस ने अपने रिकॉर्ड को खंगालना शुरू किया तो साल 2017 का एक और मामला भी सामने आया. ये गौकशी का मामला था. इतना ही नहीं पुलिस को उम्मेद पहलवान के खिलाफ धारा 307 के तहत दर्ज एक और मुकदमें का भी पता चला है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हापुड़ के एक गांव में पैदा हुआ उम्मेद लोनी आने से पहले कुछ साल पिलखुआ में भी रहा लेकिन वहां इसके ऊपर धारा-308 के तहत एक केस रजिस्टर हुआ तो वो वहां से लोनी भाग आया. यहां नगरपालिका के एक पूर्व चैयरमेन के संपर्क में आया. उन्हीं से इसने राजनीति के गुर सीखे और धीरे-धीरे अपराध से राजनीति की तरफ चल दिया. फिलहाल, अब उम्मेद पहलवान सलाखों के पीछे है. जहां अब गाजियाबाद पुलिस उसके गुनाह का काला-चिट्ठा इक्क्ठा करने में जुटी है.
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