गाजियाबाद: प्रदेश में 7 आईपीएस अफसरों के स्थानांतरण किये गए हैं. गाजियाबाद में लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई है. प्रदेश में भी 7 आइपीएस का तबादला हुआ. वहीं, गाजियाबाद जनपद में 21 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर हुए. गाजियाबाद में ही एक पीड़ित की एफआईआर दर्ज नहीं होने पर लापरवाही बरतने के आरोप में मसूरी थाने में दो पुलिस कर्मी सस्पेंड, 6 को लाइन हाजिर किया गया है. प्रदेश में आईपीएस तबादलों की बात करें तो जसवीर सिंह पुलिस अधीक्षक जालौन से पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर, रवि कुमार पुलिस उपायुक्त लखनऊ से पुलिस अधीक्षक जालौन बनाए गए हैं.
बोत्रे प्रमोद को अपर पुलिस अधीक्षक नगर से पुलिस अधीक्षक कासगंज बनाया गया. कमलेश कुमार दीक्षित को अभी सूचना गोरखपुर से पुलिस अधीक्षक हमीरपुर बनाया गया. पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर रामविलास त्रिपाठी को पुलिस अधीक्षक अभिसूचना गोरखपुर बनाया गया. मनोज सोनकर पुलिस अधीक्षक कासगंज से सेनानायक पीएससी फतेहपुर भेजा गया. नरेंद्र कुमार सिंह को पुलिस अधीक्षक हमीरपुर से सेनानायक पीएससी आगरा भेजा गया.
एसएसपी की कार्रवाई
गाजियाबाद की बात करें तो गाजियाबाद एसएसपी अमित पाठक ने लापरवाही बरतने वाले विभिन्न थानों में तैनात 21 पुलिसकर्मियों पर अपना हंटर चलाया है. विभिन्न थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को किया लाइन हाजिर लाइन हाजिर पुलिसकर्मियों में 16 आरक्षी सिपाही है, और 5 मुख्य आरक्षी सिपाही है! गाजियाबाद एसएसपी ने साफ तौर पर संदेश दे दिया है कार्य में कोताही बरतने वाले सिपाहियों पर ऐसे ही कार्रवाई की जाएगी लाइन हाजिर सिपाहियों पर कार्रवाई करके पुलिस विभाग में यह साफ तौर पर संकेत दे दिया है ! जनता की सुनवाई करें जनता से व्यवहार बनाए और अपने कार्यों के प्रति निष्ठावान रहें!
गाजियाबाद के थाना मसूरी क्षेत्र में ऐसा मामला सामने आया जिसमें स्वयं एसएसपी अमित पाठक को थाने में मौके पर पहुंचे पीड़ित की शिकायत दर्ज कराई पीड़ित की शिकायत पर लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की.
छात्रा की नहीं लिखी जा रही थी FIR
मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को थाना मसूरी इलाके के गार्डन एनक्लेव चौकी क्षेत्र अंतर्गत प्रवेश गहलोत नाम की छात्रा जो कि बीए की प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है. बाइक सवार लुटेरों ने छात्रा का मोबाइल लूट लिया. जिसके बाद 112 नंबर पर कॉल की गई. लेकिन 112 नंबर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को चौकी जाने के लिए सलाह दी. जब पीड़िता चौकी पहुंची तो उन्होंने ई-एफआईआर दर्ज कराए जाने की सलाह दे डाली. पीड़िता ने e-fir भी करने का प्रयास किया तो वह दर्ज नहीं हो पाई. आखिरकार पीड़िता परेशान होकर एसएसपी के पास पहुंची और पीड़िता ने कहा कि 112 नंबर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उसे चौकी जाने की सलाह दी. चौकी वालों ने e-fir की सलाह दी. ई एफआईआर दर्ज नहीं हो पा रही है. आखिर मेरी f.i.r. कौन दर्ज करेगा. एसएसपी ने पीड़िता के इस मामले को गंभीरता से लिया और खुद अचानक ही मसूरी थाने जा पहुंचे.
सस्पेंड किये गये पुलिसकर्मी
इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए उन सभी पुलिसकर्मियों को बुलाया गया. जिन्होंने पीड़िता को सलाह देकर एफआईआर दर्ज ना कर उसे टरकाने का कार्य किया. एसएसपी ने इस पूरे मामले में लापरवाह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड लाइन हाजिर करते हुए पीड़िता की एफआईआर दर्ज कराई और अन्य पुलिसकर्मियों को भी फटकार लगाई गई.
पीड़िता ने बताया कि हमारे साथ मोबाइल लूट की घटना हुई थी लेकिन इस मामले में शिकायत दर्ज नहीं हुई थी. इसको लेकर हम एसएसपी कार्यालय गए थे. वहां पर हमने एप्लीकेशन दी इसके बाद हमें थाने लेकर गए हमारी शिकायत दर्ज हुई.
इसी मामले को लेकर पीड़िता के पिता ने भी बताया हमने डायल 112 पर कॉल की थी लेकिन हमें थाने जाने के लिए कहा गया. थाने में भी हमारी शिकायत दर्ज नहीं हुई टाल मटोल की गई लेकिन एसएसपी कार्यालय जाने के बाद हमारी पूरी सुनवाई हुई.
एसपी देहात ने भी कार्रवाई
गाजियाबाद डासना मसूरी क्षेत्र में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के मामले में एसपी देहात डॉक्टर ईरज राजा ने बताया मसूरी गार्डन एन्क्लेव चौकी का मामला सामने आया था, जिसमें तत्काल प्रभाव से दो पुलिसकर्मी सस्पेंड, 6 सिपाही लाइन हाजिर किये गए हैं, इनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं.
गाजियाबाद में इस तरह की लापरवाही पर एसएसपी ने सख्ती दिखाई और एक साफ संदेश दिया जनता के साथ एक कुशल व्यवहार बनाने की बात कही. साथ साथ घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लिए जाए पुलिसकर्मियों की तरफ से कार्य में कोताही ना बरतें.
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