Ghaziabad News: गाजियाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में मोबाइल छीनने का मामला सामने आया है, एलएलबी के छात्र ने मोबाइल छीनने की शिकायत की. आरोप है कि पुलिस ने उसके आवेदन को बदलवा दिया और उसमें लिखवाया कि अधिक भीड़ में उसका मोबाइल कहीं गिर गया, जिसे किसी ने उठा लिया. मामले ने तूल पकड़ा तो विपक्ष ने भी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, 'देने वाले और छीन के वापस लेने वाले… सब एक ही पक्ष के थे क्या?'


दरअसल, गाजियाबाद के घंटाघर रामलीला मैदान में सरकार की तरफ से छात्रों को स्मार्ट फोन वितरण का कार्यक्रम हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों स्मार्ट फोन वितरित किया. तभी एक विकलांग छात्र ने अपने स्मार्ट फोन को कार्यक्रम स्थल पर ही उससे छीन लेने की शिकायत की. छात्र मनोज कुमार ने बताया कि, मैं घंटाघर कोतवाली मोबाइल छीनने की रिपोर्ट दर्ज कराने गया था. यहां में आवेदन बदलवा दिया गया. कहा गया कि मोबाइल छीनने की बजाय मोबाइल गुमने का आवेदन दें, अन्यथा आपका मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा. जिस पर मजबूरन दूसरा आवेदन देना पड़ा.


DCP ने छात्र की बात का किया खंडन
मामला जब मीडिया में उछला तो पुलिस अपनी चित परिचित शैली में मामले को घुमाने लगी और पीड़ित से दूसरी लिखवाई तहरीर के आधार पर इस मामले को मीडिया में भ्रामक रूप से प्रचारित और प्रसारित करने का आरोप लगा दिया. डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि छात्र का मोबाइल मिल गया है, उन्होंने न्यूज को भ्रामक बता दिया. पुलिस के इस खेल में पीड़ित छात्र उलझ कर रह गया.


पीड़ित छात्र ने अपने साथ हुई इस घटना की शिकायत जिलाधिकारी और पुलिस से की थी. ऐसे में पीड़ित छात्र की तीनों शिकायत पत्र जो मूल शिकायत पहले दी गई और बाद में पुलिस ने बदल कर लिखाई और डीएम को दी गई. शिकायत सभी मीडिया और सोशल मीडिया में वायरल है जिसमें गाज़ियाबाद पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है. लोग यहां की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. इस मामले में पुलिस कहीं ना कहीं अपने बयानों पर घिरती हुई नजर आ रही है. छात्र ने अपने बयान में गाजियाबाद पुलिस पर आरोप लगाया है. वही गाजियाबाद पुलिस ने घटना से इंकार किया है, वही पुलिस ने छात्र की बात का खंडन नही किया.


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