UP News: गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले में परिवहन विभाग (Transport Department) की लापरवाही से अनफिट स्कूली वाहनों की संख्या एक बार फिर से बढ़ गई है. दिल्ली-एनसीआर से सटे गाजियाबाद में परिवहन विभाग द्वारा स्कूल के लिए इस्तेमाल हो रहे अनफिट वाहनों पर कार्रवाई शिथिल पड़ गई. बीमार स्कूली बसों का आंकड़ा 50 बसों तक पहुंचा अनफिट बसों का आंकड़ा 98 हो गया है.
गाजियाबाद के मोदीनगर में आठ महीने पहले 11 वर्षीय छात्र की मौत के बाद परिवहन विभाग ने फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना सड़कों पर दौड़ रही बसों के खिलाफ कार्रवाई की थी. जिस बस से हादसा हुआ था उसके पास फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं था. प्रदेश सरकार ने दुर्घटना के बाद एआरटीओ को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद प्रवर्तन विभाग की कारवाई तेज हुई थी लेकिन फिर कारवाई शिथिल पड़ गई है. नियम के मुताबिक स्कूल के संचालकों को दो साल में अपनी बस की फिटनेस देनी होती है. बस अनफिट हो तो उन्हें चलाने की अनुमति नहीं होती है.
बच्चों के परिजन कर रहे हैं यह मांग
बीते साल 20 सितंबर को मुरादनगर के कुशालिया गांव में स्कूल वैन खेत में पलट गई थी. जिसमें कई छात्र घायल हुए थे. स्कूल का गार्ड वैन को चला रहा था. गाजियाबाद एआरटीओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में 1840 स्कूल पंजिकृत हैं. जिले में 98 अनफिट स्कूल बस हैं जिनके संचालकों को नोटिस जारी कर दिया गया है. लगातार ऐसी बसों पर कारवाई की जाती है. अगर ऐसे वाहनों का फिटनेस नहीं कराया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. राहुल श्रीवास्तव बच्चों की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल सतर्क है.समय-समय पर स्कूल संचालकों के साथ मीटिंग की जाती है. उनको दिशानिर्देश दिए जाते हैं. सभी स्कूल वाहनों का फिटनेस कराया जाए. गाजियाबाद स्कूल अभिभावक ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा पर स्कूल प्रशासन को ध्यान देना चाहिए, बस में गार्ड की व्यवस्था होनी चाहिए . सीसीटीवी की व्यवस्था होनी चाहिए .
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