UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. गाजियाबाद में 10 फरवरी को पहले चरण में वोटिंग होनी है. गाजियाबाद की शहरी सीट बहुत ही रोचक है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग मौजूदा विधायक हैं और उन्हें फिर से गाजियाबाद शहरी विधानसभा का प्रत्याशी बनाया गया है लेकिन उनके खिलाफ नाराजगी नजर आ रही है. उनके विधानसभा के लोगों के साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता भी नाराज हैं और उनको फिर से प्रत्याशी बनाने को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.


अतुल गर्ग ने क्या कहा
विजयनगर क्षेत्र लाइन पार एरिया में आता है. मंत्री के खिलाफ लोगों ने पर्चे भी बांटे हैं जिसपर लिखा है 'योगी मोदी से बैर नहीं अतुल गर्ग तेरी खैर नहीं'. इसपर मंत्री अतुल गर्ग ने कहा कि हमारा प्रचार लगातार जारी है और जीत हमारी निश्चित है. जिन्होंने पर्चे बांटे और ऐसा प्रचार किया, दरअसल हम सभी को संतुष्ट नहीं कर सकते हैं. सबको पद की लालसा होती है. देवता और असुरों में भी बहुत युद्ध हुआ. सब जगह ऐसे लोग मिलते हैं. मंत्री ने कहा कि, हमारे द्वारा बहुत कार्य कराए गए हैं और हम तो योगी और मोदी के कदमों पर आगे बढ़ते हैं. मंत्री ने कहा कि वे लोग योगी और मोदी के खिलाफ नहीं बोल सकते हैं. अंत में वोट बीजेपी को ही देंगे. जो ऐसे पेपर बांट रहे हैं मुझे नहीं लगता कि वे हमसे नाराज हैं. सब अपने पद की लालसा के लिए ऐसा कर रहे हैं.


लोगों का क्या कहना है
लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य मंत्री के द्वारा इस क्षेत्र की उपेक्षा हुई है. गंगाजल का हमें सपना दिखाया गया वह पूरा नहीं हुआ. हम बीजेपी में पदाधिकारी रहे और एक आम नागरिक भी हैं, वोटर भी हैं. गुड़गांव बनाने की  बात करते थे लेकिन आज बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं पानी भर जाता है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग को इतना बड़ा पद मिला लेकिन हम बीजेपी से इसलिए नाराज हैं क्योंकि फिर इन्हें टिकट दिया. ये फोन तक नहीं उठाते हैं.  कोविड-19 के दौरान इन्होंने कोई भी मदद नहीं की इनके जो प्रतिनिधि हैं उन्होंने भी अपने फोन बंद कर लिए. हमें प्रदेश में योगी और केंद्र में मोदी से कोई समस्या नहीं है लेकिन जब एक आम नागरिक हैं और हमारी मदद के लिए अपनी विधानसभा से विधायक बना कर भेजा है तो इतनी उपेक्षा क्यों. लाइनपार का एरिया पिछड़ा हुआ एरिया है.


बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम चाहते हैं प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने लेकिन अगर एक सीट बीजेपी यहां से हार जाती है तो कोई आपत्ति नहीं क्योंकि ऐसा उम्मीदवार हमें पसंद नहीं जो जनता के काम ना आए. लगातार लोग अपनी शिकायत दर्ज कर रहे हैं और मंत्री अतुल गर्ग के खिलाफ विरोध जता रहे हैं. भारत एक लोकतांत्रिक देश है जब चुनाव आता है तो जनता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका मिलता है. नेता इसे नजरअंदाज करते हैं. अब देखना होगा कि 10 मार्च को जब रिजल्ट की घोषणा होगी क्या फिर से अतुल गर्ग इस सीट से जीतकर विधानसभा में पहुंचते हैं या नहीं.


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