Uttar Pradesh News: यूपी में गाजियाबाद (Ghaziabad) के नंद ग्राम थाना क्षेत्र में रविवार को लगभग 10 बजे एक परिवार के घर फोन आता है कि उनकी 11 साल की बच्ची खुशी को किडनैप (kidnap) कर लिया है, अगर आप उसकी जान की सलामती चाहते हैं तो तुरंत 30 लाख का इंतजाम कर लें. इसके बाद आनन-फानन में पीड़ित परिवार ने यह सूचना पुलिस (Ghaziabad Police) को दी लेकिन उन्हें क्या पता था कि अब वे अपनी बच्ची को कभी जिंदा नहीं देख पाएंगे. गाजियाबाद पुलिस जब तक बदमाशों का पता लगाकर उनके पास पहुंचती उससे पहले ही पुलिस को खुशी की लाश मिलने की सूचना मिली.


परिवार का पुलिस पर आरोप 
इसके बाद आनन-फनन में गाजियाबाद पुलिस बुलंदशहर पुलिस (Bulandshahr Police) के साथ जिला बुलंदशहर पहुंची और वहां देहात इलाकों में खेतों से खुशी के शव को बरामद किया. इन 3 दिनों में लगातार पीड़ित परिवार ठंड में थाने के बाहर अपनी बेटी के आने का इंतजार करता रहा लेकिन उनके पास खुशी की मौत की खबर आई. खुशी बचपन से ही अपनी नानी के साथ गाजियाबाद के नंद ग्राम थाना क्षेत्र की नई बस्ती में रहा करती थी. खुशी की नानी ने नंदग्राम पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.  उनका कहना है कि घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई थी लेकिन पुलिस ने लापरवाही बरती जिसके चलते हैं आज मेरी नाती इस दुनिया को अलविदा कह चुकी है.


खुशी की नानी ने शव को घर में ही कई घंटों के लिए कैद कर लिया था. वे चाहती थीं कि उसका अंतिम संस्कार आरोपी को सजा मिलने के बाद हो. नानी का पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने पीड़ित मृतक खुशी के शव को ले जाने के लिए पहले घर का ताला तुड़वाया और शव को अपने कब्जे में लेकर सोनीपत के लिए रवाना हो गए. वहां मौजूद लोग और खुशी की नानी का यह भी आरोप है कि नंद ग्राम पुलिस की लापरवाही के चलते बच्ची के साथ रेप जैसी घिनौनी घटना को भी अंजाम दिया गया है लेकिन पुलिस ने इसका भी कोई जिक्र नहीं किया है. अब ऐसे में उन्हें नंदग्राम थाने से निराशा हाथ लग रही है और वे चाहती हैं कि उनको जल्द से जल्द न्याय मिले.


एसएसपी ने इसपर क्या कहा
इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी मुनिराज ने बताया कि, पुलिस को जैसे ही सूचना मिली थी उन्होंने थाना नंदग्राम पर मुकदमा दर्ज कर लिया था. गिरफ्तार अभियुक्त बबलू बच्ची के घर का पड़ोसी है. बबलू ने ही अपने दो साथी प्रदीप और अमित के साथ मिलकर यह साजिश रची. बबलू का घर में आना जाना था. बच्ची के पिता की 2015 में मृत्यु हो गई थी जिसमें इंश्योरेंस पॉलिसी का 30 लाख रुपए मिलना था. 


एसएसपी ने आगे बताया कि, यह बात आरोपी बबलू को पता थी. इसलिए अपने चार साथियों के साथ मिलकर उसने इस साजिश को रचा. उसने गाजियाबाद से बच्ची को अगवा करके बुलंदशहर के रहने वाले एक साथी को दे दिया. बच्ची आरोपियों को पहचान चुकी थी इस वजह से उन्होंने बच्ची की हत्या कर दी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की कोई पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जिसमें इनका एक साथी अभी फरार चल रहा है, जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


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