Ghazibad Kanpur Greenfield Corridor: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय मंत्रालय ने गाजियाबाद (Ghaziabad) से कानपुर (Kanpur) तक बनने वाले ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है. उत्तर प्रदेश में बनने जा रहा यह कॉरिडोर 380 किलोमीटर लंबा होगा और 2025 तक तैयार हो जाएगा. इसके बनने के बाद गाजियाबाद, हापुड़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से से जुड़े लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे पर जाने की जरूरत खत्म हो जाएगी. वहीं लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद दिल्ली से लखनऊ जाने के लिए लोगों को एक नया रास्ता मिल जाएगा.
हापुड़ से कानपुर तक नया इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सितंबर 2019 में की थी. उन्होंने पिलखुवा (हापुड़) में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के तीसरे चरण के उद्घाटन समारोह में इसका ऐलान किया था. इसके बाद बीते वर्ष दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के चौथे चरण के उद्घाटन समारोह में हापुड़-कानपुर कॉरिडोर का काम जल्द शुरू करने की बात कही थी.
350 दिनों में तैयाह हो जाएगी डीपीआर
जानकारी के मुताबकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है, वहीं अगले 350 दिनों में डीपीआर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. उसके बाद प्रोजेक्ट की मंजूरी लेकर भूमि अधिग्रहण का काम होगा. यह काम दिसंबर 2023 तक पूरा होगा और उसके बाद 24 महीने में प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो जाएगा. NHAI ने डीपीआर के लिए एडवाइजरी फर्म नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके मुताबिक 2025 तक इसके तैयार हो जाने की संभावना है.
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आठ लेन के अनुसार होगा भूमि अधिग्रहण
बता दें कि 380 किमी लंबे बनने जा रहे इस कॉरिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण आठ लेन के एक्सप्रेसवे की तर्ज पर किया जाएगा, लेकिन शुरुआत में सिर्फ चार लेन की सड़क का निर्माण किया जाएगा. हालांकि अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड का निर्माण छह लेन के ग्रीनफील्ड कॉरिडोर की तर्ज पर किया जाएगा. यह कॉरिडोर लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे को उन्नाव और कानपुर के बीच में कनेक्ट करेगा, जबकि गाजियाबाद और हापुड़ में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेस वे को कनेक्ट करेगा.
कब किया जाएगा 8 लेन
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी यूपी से गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी शुरू होने जा रहा है, जो बीच में लखनऊ जाने वाले एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा. इससे काफी ट्रैफिक गंगा एक्सप्रेसवे पर जाएगा, इसलिए शुरुआत में गाजियाबाद-कानपुर के बीच चार लेन का ही कॉरिडोर बनाया जा रहा है. बाद में ट्रैफिक बढ़ने पर इसे आठ लेन तक बढ़ाया जाएगा, इसलिए कॉरिडोर के बीच में बनने वाले अंडरपास, रेलवे ओवर ब्रिज और अन्य पुलों का निर्माण छह लेन के एक्सप्रेसवे के मुताबिक किया जाएगा.