Ghazipur News: गाजीपुर जनपद के कासिमाबाद तहसील क्षेत्र में पूर्व के अधिकारियों द्वारा किया गया भूमि आवंटन इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. इस क्षेत्र के सलामतपुर, मउली बांध, सनेहूआ समेत तीनों गांव की बंजर जमीन को गलत तरीके से आवंटित कर दिया गया था. आरोप है कि इसके लिए मोटी रकम वसूली गई है. इसमें उपजिलाधिकारी कासिमाबाद कमलेश कुमार सिंह के द्वारा विभागीय जांच टीम गठित कर दी गई है. इस मामले में तत्कालीन लेखपाल कानूनगो एवं प्रभारी राजस्व निरीक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई चल रही है.
कौड़ियों के भाव बांटी जमीन
कासिमाबाद तहसील के राजस्व गांव सलामतपुर, सनेहुआ और मउली बांध में 29 बीघा जमीन को कौड़ियों के भाव अपने चाहेतों आवंटित कर दिया गया. इसमें एसडीएम और तहसीलदार की मिलीभगत शामिल थी. जब ये पूरा मामला सामने आया तो तहसील के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. बताया जा रहा है कि इस आवंटन की कोई पत्रावली तहसील के अभिलेखागार में मौजूद नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब पत्रावली नहीं है तो इस जमीन का आवंटन कैसे हुआ? और फिर पत्रावली में कैसे आ गया.
मामले जांच के बाद कार्रवाई
उप जिलाधिकारी कासिमाबाद कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में पहली नजर में जो जानकारी मिली है. उसके मुताबिक सलामतपुर लेखपाल कृष्ण मुरारी के रहते हुए सोनबरसा के लेखपाल अखिलानंद तिवारी के साथ मरदह के कानूनगो जय प्रकाश सिंह को निर्देशित कर पूर्व की स्थितियों में पत्रावली बनाकर खेल खेला गया. इस मामले में लेखपाल अखिलानांद तिवारी और प्रभारी रजिस्टार कानूनगो सुमित कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है. इस मामले की जांच कासिमाबाद तहसीलदार अमित शेखर के नेतृत्व में की जा रही है.
अवैध तरीके से जमीन आवंटन के मामले पर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने एसडीएम के रिपोर्ट के आधार पर कठोरतम कार्रवाई की बात कही है. आपको बताते चलें तहसील क्षेत्र के सनेहुवा गांव में 30, सलामतपुर में 50 और मउलीबांध गांव में 14 लोगों को आवासीय और कृषि हेतु पूर्व के अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन आवंटित की गई.