Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी को मिली सजा पर बोले भाई अफजाल अंसारी, 'हाईकोर्ट में दूंगा चुनौती'
मुख्तार अंसारी के भाई और सांसद अफजल अंसारी की सजा के बारे में पत्रकारों से बात की. मुख्तार अंसारी को हाल ही में सजा सुनाई गई है जिसपर भाई ने नाराजगी जताई है.
UP News: गाजीपुर (Ghazipur) से सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) रविवार को दिशा की बैठक में शामिल हुए. बैठक खत्म होने के बाद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को 15 दिसंबर को मिले सजा पर बोलते हुए कहा कि कोर्ट के इस फैसले से हम संतुष्ट नहीं हैं तो उच्च न्यायालय (Hig Court) में हम चुनौती देंगे. मुख्तार अंसारी पिछले 18 सालों से जेल में है. बिना सजा हुए वह अब तक आजीवन कारावास की सजा काट चुके हैं. गैंगस्टर वाले मामले में जो अधिकतम सजा 10 साल की हो सकती है. वह न्यायालय ने दिया है. उन्होंने बताया कि इसी तरह की परिस्थिति 2002-03 में टाडा के मामले में पैदा हुई थी. उस वक्त जज ने इसी तरह के 10 साल की सजा मुख्तार अंसारी को सुनाई थी और उस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्तार अंसारी को बाइज्जत बरी कर दिया था.
अफजाल अंसारी ने आगे कहा कि यूपी गैंगस्टर एक्ट 1986 पुलिस जब किसी पर कायम करती है तो इस मामले में डीएम का अप्रूवल लिया जाता है और उनके अप्रूवल के बाद ही किसी के खिलाफ गैंगस्टर का मामला बनता है और जब उसकी चार्जशीट जाती है तभी अप्रूवल होता है लेकिन मुख्तार अंसारी के इस मामले में डीएम से अप्रूवल नहीं लिया गया. डीएम के अप्रूवल के खिलाफ केस कैसे चलाया जा रहा है तो न्यायालय ने उनकी एप्लीकेशन को खारिज कर दिया जिसके बाद वह हाईकोर्ट गए. जिस पर हाइकोर्ट 16 दिसंबर को तय होना था लेकिन उसके पहले ही मुख्तार अंसारी पर सजा तय कर दी गई. इसी तरह का मामला सुप्रीम कोर्ट में था. जब टाडा के मामले में मुख्तार अंसारी पर सजा सुनाई गई थी और उस मामले में भी दिल्ली कमिश्नर से अप्रूवल नहीं लिया गया था जिसका आधार मानते हुए जज ने मुख्तार अंसारी को बाइज्जत बरी कर दिया था.
मुख्तार अंसारी को अलग-अलग मामले में 20 साल की सजा
मुख्तार अंसारी के गैंगस्टर के मामले में कुल पांच मुकदमे थे जिसमें से चार मुकदमे में वह बरी हो चुके हैं एक मुकदमा शेष बचा है. मुख्तार अंसारी को लखनऊ में धमकी देने के मामले में 7 साल की सजा है और एक गैंगस्टर का मामला जिसमें वह बरी हो चुके थे लेकिन अपील पर 5 साल की सजा एक अन्य मामले में 3 साल की सजा कुल मिलाकर 20 साल की सजा सुनाई गई है. .
ये भी पढ़ें -