UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन जिधर भी नजर उठाएं उधर भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार नजर आ रहा है. मामला भांवरकोल ब्लाक (Bhanwarkol Block) के गोडउर (Gondaur) गांव का है. जहां पर ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के मिलीभगत से बिना काम कराए लाखों का भुगतान उतार लिया गया. अब ग्रामीणों का दबाव बढ़ने पर उस काम की शुरुआत की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ कराए गए कामों में भी भारी अनियमितता देखने को मिली. साथ ही साथ कराए गए कामों का भुगतान ग्राम प्रधान अपने पिता के खाते और ऐसे व्यक्ति के खाते में किया है जिसका इस ग्रामसभा से कोई लेना देना नहीं है.


किस मद में मिला है पैसा
जनपद गाजीपुर का गोडउर गांव जो स्वर्गीय विधायक कृष्णानंद राय और पूर्व विधायक अलका राय का गांव है. इसी गांव के ग्राम सभा में विकास कार्य के लिए शासन की तरफ से लाखों रुपया ग्राम प्रधान के खाते में भेजा गया. ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की मिलीभगत से उन पैसों का बंदरबांट करने का पूरा काम किया गया है. ताजा मामला प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना प्रत्येक ग्राम सभा में पंचायत भवन का निर्माण है. उस पंचायत भवन की चार दिवारी बनवाने के लिए करीब पांच लाख रुपए भेजा गया था.


क्या है मामला
जिसे ग्राम प्रधान ने 12 फरवरी को ही बिना चारदीवारी बनाए भुगतान करा लिया था. इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो आनन-फानन में चार दिवारी के लिए गड्ढे-खुदवा जाने का काम शुरू हो गया है. इतना ही नहीं इस गांव में सीसी रोड का भी निर्माण किया गया है लेकिन वह भी आधा अधूरा. यानी कि जिस दीनदयाल के मकान से लेकर अंजनी राय के मकान तक सीसी रोड का निर्माण किया जाना था. लेकिन दीनदयाल के मकान से करीब 50 मीटर का निर्माण आज तक नहीं हुआ और भुगतान पूरा करा लिया गया है.


किसके खाते में हुआ भुगतान
अगर इसके अलावा हम बात करें तो ग्राम पंचायत में कराए गए कार्यों का भुगतान किसी न किसी फर्म को होना चाहिए. लेकिन ग्राम सभा में दर्जनों भुगतान ग्राम प्रधान अपने पिता राम सोना के खाते में किया हुआ है. इतना ही नहीं एक भुगतान अमरनाथ सिंह यादव के खाते में 40,500 का भुगतान किया गया है, जो मोहम्मदाबाद ब्लाक का रोजगार सेवक है.


डीएम ने क्या दिया निर्देश
वहीं इस पूरे मामले को जब जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के सामने रखा गया तो वह इस मामले को सुनकर अवाक रह गए कि भुगतान पहले करा लिया गया. बिना निर्माण कार्य के ही उन्होंने तत्काल डीपीआरओ को मौके पर जाकर यथा स्थिति की जानकारी लेने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने बताया कि यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलती है तो संबंधित के खिलाफ ना सिर्फ कार्रवाई की जाएगी बल्कि उन्हें जेल भेजने की भी कार्रवाई की जाएगी.


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