गाजीपुरः आजकल राजनीत में जीत के लिए कुछ भी जायज है जो इन दिनों लगातार गाजीपुर में देखने को मिल रहा है. भारतीय जनता पार्टी इन दिनों जीले में काफी आक्रामक दिख रही है. मौजूदा समय में जो लोग चुनाव से कुछ समय पहले पार्टी से जुडते हैं और कुछ पलों बाद ही उन्हें प्रत्याशी के तौर पर चुने जाने की भी घोषणा हो जा रही है. जी हां ऐसा ही कुछ बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पर देखने को मिला जहां पर अन्य पार्टियों में विश्वास रखने वाले बीडीसी सदस्य के बीजेपी ज्वाइन करते ही उनके नामों की घोषणा प्रत्याशी के लिए कर दिया गया.
गाजीपुर का बदला इतिहास
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी इन दिनों मिशन फतह को लेकर चल रही है, जिस का नजारा पिछले दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में देखने को मिला कि प्रदेश में 67 जिला पंचायत अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के बने. वहीं अगर हम गाजीपुर की बात करें तो यहां भी निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव से पूर्व बीजेपी में शामिल हुई और चुनाव को जीत कर गाजीपुर का इतिहास बदल डाला.
BJP ने की 14 ब्लॉक प्रत्याशियो के नाम की घोषणा
बीजेपी एक बार फिर से ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी इतिहास बदलने का काम करने के उद्देश्य से निकल पड़ी है. जिस का नजारा बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पर देखने को मिला. यहां सदर से ममता यादव, करंडा से शीला यादव और मनिहारी से मुन्नीलल को बीजेपी की सदस्यता दिलवाई और सदस्यता दिलवाने के चंद मिनटों के बाद ही भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के द्वारा जनपद के 16 ब्लॉकों में से 14 ब्लॉकों के प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया गया.
10 जुलाई को घोषित होगा रिजल्ट
इस घोषणा में बुधवार को 4 लोगों का भी नाम शामिल रहा जिन्होंने कुछ मिनटों पहले भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष और बीजेपी के एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने बताया कि बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है और इस पार्टी का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है और आने वाले समय में हम सिर्फ शहर की पार्टी नहीं रहेंगे बल्कि गांव में भी अपनी पार्टी की धमक दिखलाएंगे, जिस का नजारा 8 जुलाई को कुछ ब्लाकों में देखने को मिल सकता है और शेष 10 जुलाई को रिजल्ट घोषित होते ही नजारा देखने लायक रहेगा. उन्होंने बताया कि ब्लाक प्रमुख के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 16 सीटों पर कब्जा करेगी जिसमें से कुछ निर्विरोध होगा तो कुछ चुनाव में दो-दो हाथ कर के होगा.