Cyber Crime News: 'हेलो मैं पुलिस इंस्पेक्टर बोल रहा हूं.आपने मेरे थाने में एफआईआर दर्ज करायी है और ये मामला फर्जी पाया गया है. अब मैं इसमें आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जा रहा हूं यदि इससे बचना है फौरन मुझे 1 लाख गूगल पे करो.' यदि आपके पास भी ऐसा कोई फोन आता है तो फौरन सावधान हो जायें और तत्काल पुलिस में इसकी शिकायत करें.यूपी पुलिस का यूपी कॉप मोबाइल एप्लीकेशन का सहारा लेकर लोगों के साथ लाखों की साइबर फ्रॉड किया जा रहा है.गाजीपुर में भी ऐसे दो मामले आये हैं जिनमें लोगों के साथ लाखों की साइबर ठगी की गयी है.
दरअसल आम लोगों की सुविधा के लिये यूपी पुलिस ने यूपी कॉप के नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन लांच किया था.इस एप्लीकेशन में कई तरह की सुविधाएं दी गयी है. जैसे पुलिस वेरिफिकेशन,कैरेक्टर सर्टिफिकेट और कार्यक्रमों के परमिशन जैसी सुविधाएं इस एप्लीकेशन में दी गयी है.इस एप्लीकेशन के माध्यम से किसी भी जिले के किसी थाने में दर्ज एफआईआर की जानकारी ली जा सकती है और एफआईआर को डाउनलोड भी किया जा सकता है.एफआईआर देखने और और डाउनलोड करने की यही सुविधा अब फ्राड का जरिया बन गयी है.
साइबर फ्रॉड यूपी कॉप से मिलती है पूरी डिटेल
साइबर फ्रॉड यूपी कॉप के माध्यम से पहले तो एफआईआर की डिटेल ले लेते है. फिर पीड़ित को फोन करके उनके ऊपर ही कार्रवाई करने की धमकी देते हैं या केस को और मजबूत बनाने के लिये एफआईआर में धाराओं को बढ़ाने का लालच देते है. उसके बाद उनसे अपने अकाउंट में लाखों ट्रांसफर करा लेते है. हर एफआईआर में एफआईआर दर्ज कराने वाले का मोबाइल नंबर होता है. साथ ही जिसके खिलाफ एफआईआर करायी गयी है. उसका भी डिटेल होता है.ये सारी जानकारी साइबर फ्राड यूपीकाप से ले लेते हैऔर पुलिस बनकर पीड़ित को फोन करके लाखों रुपये ठग लेते है.
क्या बोले एसपी ओमवीर सिंह
एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि किसी भी थाने में दर्ज एफआईआर को यूपी कॉप एप पर अपलोड किया जाता है. जिसमें वादी जो कि पीड़ित होता है उसका मोबाइल नंबर भी होता है.ये फ्राड उस नंबर पर फोन करते हैं और कहते हैं कि वो एसपी आफिस से बोल रहे हैं.पीड़ित को एफआईआर में धारा बढ़ाने या नाम घटाने और बढ़ाने का लालच देते हैं और इसके एवज में पैसों की मांग करते हैं. इसमें बदनामी पुलिस की होती है.
FIR दर्ज कर नंबरो की हो रही जांच
एसपी ने बताया कि हमारे पास इस तरह के साइबर फ्राड की दो शिकायतें आयीं हैं.जब मामले की जांच की गयी तो जो नंबर सामने आये हैं वो एमपी के टीकमगढ़ के हैं.इन नम्बरों को जांच की जा रही है.उन्होंने लोगों से अपील किया कि यदि उन्होंने एफआईआर दर्ज करायी है और उस संबंध में कोई पुलिस अधिकारी बनकर आपको फोन करता है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस के आला अधिकारियों को दें.इस तरह की घटनाओं से आम जनमानस में पुलिस की छवि खराब हो रही है और ऐसे मामलों में पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी.
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