Dinesh Lal Nirahua News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के द्वारा आजमगढ़ (Azamgarh) की सीट छोड़ने के बाद वहां चुनाव हो रहा है. ऐसे में समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव और भाजपा से दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ प्रत्याशी बनाए गए हैं. बात करें बीजेपी कैंडिडेट निरहुआ की तो वे गाजीपुर जनपद के टड़वा टप्पा सौरी गांव के रहने वाले हैं और आज भी इनका अपने गांव से खास लगाव है.  एबीपी गंगा की टीम ने निरहुआ के गांव  पहुंचकर वहां के लोगों से निरहुआ के स्वभाव और गायकी से लेकर राजनीति के क्षेत्र में आने से संबंधित सभी जानकारी ली. 


आजमगढ़ में उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी हैं निरहुआ
जनपद गाजीपुर के शादियाबाद थाना क्षेत्र के टड़वा टप्पा सौरी गांव के रहने वाले दिनेश लाल उर्फ निरहुआ आजमगढ़ में चल रहे उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी  हैं. एबीपी गंगा की टीम ने उनके गांव पहुंचकर जानने का प्रयास किया कि दिनेश लाल यादव कैसे 'निरहुआ' बना और फिर कैसे गायकी और राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश किया? 


बता दें कि  गांव में निरहुआ के अपने दो मकान हैं. एक पैतृक मकान है और दूसरा कुछ साल पूर्व बनाया गया है. दरअसल इस घर में मुंबई से फिल्म बनाने वाली टीम जब भी आती हैं यहीं ठहरती हैं और उसी घर के बाहर पेड़ की छांव में लोग कहीं भी आने-जाने के लिए बस का इंतजार करते हैं और क्षेत्र से गुजरने वाली बस भी निरहुआ के घर के पास रुक कर सवारियों को लेकर आगे बढ़ती है.


पहले समाजवादी पार्टी में चुनाव प्रचार करते थे निरहुआ


इसी दौरान हमारी मुलाकात निरहुआ के चचेरे भाई से हुई उन्होंने बताया कि निरहुआ कोलकाता में अपने पिता के साथ पढ़ाई किया करते थे और वहां से आने के बाद गायकी के क्षेत्र में हाथ आजमाया  लेकिन लोगों को यह उम्मीद नहीं थी कि वह इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंच जाएंगे. चुनाव को लेकर उन्होंने बताया कि निरहुआ पहले समाजवादी पार्टी में हुआ करते थे लेकिन प्रचार किया करते थे. उनके दिमाग में क्या आया कि वह भाजपा में चले गए. उन्होंने बताया कि अगर गुड्डू जमाली मुसलमानों का वोट काटेंगे यो उम्मीद है कि दिनेश लाल उर्फ निरहुआ इस चुनाव में जीत जाएंगे.  

गायकी में आने से पूर्व चिकित्सा क्षेत्र में भी आजमाई थी किस्मत
 निरहुआ ने गायकी में आने से पहले चिकित्सा क्षेत्र में भी अपनी किस्मत आजमाई थी और करीब 3 माह तक मेडिकल की शिक्षा भी ली. इस दौरान उनके टीचर डॉ एके राय ने मानव शरीर के अस्थियों की संख्या के बारे में सवाल पूछा था और कहा था कि जो भी जितनी कम संख्या बताएगा उसे इतनी बड़ी सजा मिलेगी. दिनेश उर्फ निरहुआ अस्थियों की संख्या कम बताई और निरहुआ की पिटाई भी हुई. उस वक्त निरहुआ ने कहा था कि डॉक्टर साहब इतना दर्द तो हमें पूरी रात का करताल बजाने में भी नहीं होता लेकिन आज बहुत दर्द हुआ है.  उसी के बाद वह चिकित्सा का काम छोड़कर गायकी में पूर्ण रूप से चला गए. वहीं हंसराजपुर के उनके एक मित्र पंकज ने बताया कि निरहुआ जब भी कार्यक्रम में जाते थे या फिर कार्यक्रम से होकर आते थे या मलिकपुरा बीकॉम करने के लिए जब जाते थे उनके होटल पर ही रुकते थे. कभी-कभी उनके होटल पर ही अपना बैग रखकर रातभर सो जाया करते थे.

निरहुआ की वजह से गांव और क्षेत्र का नाम हुआ रोशन
वही हंसराजपुर के मुस्लिम समाज से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि निरहुआ के वजह से आज उनके गांव और क्षेत्र का नाम पूरे देश में रोशन है क्योंकि कहीं भी जाने पर लोग कहते हैं कि आप निरहुआ के गांव के हैं तो हम लोगों को काफी खुशी होती है. वहीं चुनाव को लेकर उन्होंने बताया कि इस बार 90 की उम्मीद है. निरहुआ चुनाव में जीत हासिल करेगा. इस दौरान पूछा गया कि 2 यादव लड़ रहे हैं तो इसका कितना असर पड़ेगा तो उन्होंने बताया कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और दिनेश लाल यादव चुनाव जीतेगा. 
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