Uttar Pradesh News: यूपी में गाजीपुर जिला जेल (Ghazipur District Jail) में कई मामलों में वांछित अभियुक्तों और बंदियों को रखा जाता है. कैदियों की देखरेख करने के लिए कारागार विभाग की तरफ से बंदी रक्षकों की नियुक्ति की जाती है. दो बंदी रक्षक मंगलवार को कारागार प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कारागार के गेट पर धरने पर बैठ गए. बंदी रक्षकों ने आरोप लगाया कि जेल अधीक्षक द्वारा उनका गलत तरीके से ट्रांसफर कर दिया गया है. इतना ही नहीं उन्होंने उनके ऊपर जेल के अंदर कई तरह के भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोप भी लगाए.


बता दें कि जिला जेल के गेट पर बैठे बंदी रक्षक गोपाल पांडे और आनंद सिंह पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जेल अधीक्षक ने गैर जनपद में ट्रांसफर कर दिया है. इसपर इन लोगों का कहना है कि उनका गुनाह क्या है और उन्हें बिना बताएं ही ट्रांसफर कैसे किया जा सकता है. इसके लिए वह लोग जेल के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ ही जिला अधिकारी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत कर चुके हैं लेकिन इनकी शिकायत पर किसी ने सुध नहीं ली. इसके बाद इन लोगों ने धरने पर बैठकर अपनी बातें मीडिया तक पहुंचाईं. 


जेल अधीक्षक पर लगाए आरोप
धरने पर बैठे बंदी रक्षकों का कहना है कि जेल अधीक्षक की देखरेख में जिला जेल के अंदर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चल रहा है. इन लोगों ने बताया कि जेल के कैंटीन में अवैध सामान मिलते हैं जो जेल मैनुअल में अवैध माने गए हैं. इतना ही नहीं अवैध सैलून के साथ ही साथ अवैध रूप से जेल के अंदर मोबाइल फोन का भी संचालन होता रहता है. अवैध रूप से कैंटीन चलने से प्रतिदिन 18 से 20 हजार रुपया जेल अधीक्षक को मिलता है. उन्होंने बताया कि जब भी जिला प्रशासन का औचक निरीक्षण होता है उसकी जानकारी इन लोगों को पहले ही मिल जाती है और जेल में जितने भी सामान और मोबाइल होते हैं उनको कहीं छिपा दिया जाता है और उनके चले जाने के बाद फिर से वही खेल शुरू हो जाता है.


जेल अधीक्षक ने इसपर क्या कहा
जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि बंदी रक्षकों के द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत और गलत हैं. यह दोनों खुद ही कई बार दंड पा चुके हैं और लगातार जेल मैनुअल का उल्लंघन करते हुए काम करते हैं.


Firozabad Road Accident: फिरोजाबाद में भीषण सड़क हादसा,डीसीएम से टकराकर पलटी स्लीपर बस, छह यात्रियों की मौत, 21 घायल