Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर में गंगा सहित कुल 9 नदियां बहती है. बारिश के मौसम के बाद जब गंगा का जल स्तर बढ़ने लगता है तो इन नदियों का जलस्तर भी बढ़ जाता है. जिसकी वजह से जनपद में बाढ़ की स्थिति बन जाती है. ऐसे में नदियों के आसपास के इलाके में उस वक्त अफरा तफरी मच जाती है. लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने समय रहते तैयारी पर जोर दिया है यानी जो काम बाढ़ के समय विभाग करता था वो काम जिला प्रशासन ने अभी से करने के लिए कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया है.
बाढ़ से पहले तैयारी के लिए बैठक
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में रायफल क्लब सभागार में जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण एवं बाढ़ स्टेयरिंग ग्रुप की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित गावों एवं बाढ़ कटान वाले क्षेत्रों का मौका मुआयना कर फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कराई जाए. बाढ़ नियंत्रण के लिए इस बार बैठक में कई बिंदुओं पर तैयारी की जा रही है. जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को उनके विभाग से संबंधित तैयारियों को बाढ़ से पहले पूरा करने के लिए निर्देश दिए हैं.
डीएम ने सभी आधिकारियों को दिए निर्देश
डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ को लेकर तहसील स्तर पर बाद बैठकें आयोजित की जाएं और अपने स्तर पर इसकी समीक्षा हो. इसके अलावा उन्होंने राजस्व बाढ़ प्रखण्ड और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम बनाकर बाढ़ चौकियों की समीक्षा की और निर्देश दिए कि चौकियों को ऊंचे व सुरक्षित स्थानों पर स्थापित किया जाए, जिससे आवागमन सुगम हो और राहत एवं बचाव कार्य तत्काल हो सके. डीएम ने बाढ़ के दौरान पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली किट व अन्य सुविधाओं के लिए समय से टेंडर आदि कराकर गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए.
बाढ़ से पहले निरीक्षण करने के निर्देश
डीएम ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि तहसील क्षेत्र के बाद क्षेत्रोंं का निरीक्षण करा लें ताकि बाढ़ से पहले ही कहां पर क्या करने की जरुरत है इसकी जानकारी मिल सके. और समय रहते इसकी सारी तैयारियां की जा सकें. उन्होने निर्देश दिया कि बाढ़ क्षेत्रों की सूची तैयार करा लें जिससे बाढ़ के दौरान राहत कार्य पहुंचाने में दिक्तत न हो. नालों का सत्यापन कर ये सुनिश्चित किया जाए कि बाढ़ प्रभावित ग्राम पंचायतों में सफाईकर्मियों की तैनाती अनिवार्य रूप से हो. बाढ़ के दौरान मवेशियों को चारे की दिक्कत न हो, मवेशियों को उच्च एवं सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के लिए स्थल का चयन भी पहले से ही कर लिया जाए.
स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्यक दवाई की उपलब्धता
इसके साथ ही डीएम ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे टूटी हुई सड़कों का सर्वे कराकर उनकी मरम्मत बाढ़ से पहले करा लें ताकि बाढ़ के दौरान आने-जाने में दिक्कत न हो. पीड़ितों एवं राहत कैंपों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए उच्च स्थानों का चिन्हित कर नलों को ऊंचा कराने के निर्देश दिए गए. बाढ़ से प्रभावित होने वाले समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और पीएचसी पर आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए.